Anti-child Labour Operation: मासूम बच्‍चों से 12 - 14 घंटे काम करवा रहीं थीं, रायसेन जिले की ये फैक्ट्रियां, जानिए पूरा मामला

Anti-child Labour Operation: मासूम बच्‍चों से 12 - 14 घंटे काम करवा रहीं थीं, रायसेन जिले की ये फैक्ट्रियां, जानिए पूरा मामला
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Anti-child Labour Operation: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में शुक्रवार को तीन फैक्ट्रियों से 25 लड़कियों और 11 लड़कों को रेस्क्यू किया गया है।

भोपाल: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में शुक्रवार को तीन फैक्ट्रियों से 25 लड़कियों और 11 लड़कों को रेस्क्यू किया गया है। जिसके बाद इन फैक्ट्रियों के मालिकों के खिलाफ बाल श्रम कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई।

अधिकारियों ने बताया कि मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में तीन फैक्ट्रियों में काम कर रहे बच्चों को बचाने का अभियान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के नेतृत्व में पुलिस टीमों और बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) नामक संगठन के साथ मिलकर चलाया गया। "फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है और उनके मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह अभियान बीबीए की शिकायत पर शुरू किया गया था।

25 लड़कियां भी शामिल

छुड़ाये गये ये 36 बच्चों में 25 लड़कियां भी शामिल हैं, ये सभी बच्‍चे कुपोषित और अल्पनिद्रा का शिकार हैं। बताया जा रहा है कि इनसे रोजाना 12-14 घंटे काम करवाया जाता था। इन सभी की उम्र 15-17 साल के बीच है और ये सभी बच्‍चे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, तथा मध्य प्रदेश के पड़ोसी जिलों के हैं।’’

बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और उनकी काउंसलिंग की जा रही है। इन 3 फैक्ट्रियों में बिस्कुट और रस्क बनाने वाली एक बेकरी, एक खाद्य प्रसंस्करण प्रतिष्ठान और प्लास्टिक इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली एक इकाई शामिल हैं।"

बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि ऐसी फैक्ट्रियों के मालिक सस्ते श्रम के लालच में अंधे हो जाते हैं, और माता-पिता तस्करों और नियोक्ताओं द्वारा किए गए झूठे वादों में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए सख्त कानूनों को लागू करने के लिए प्रयास तेज करने की जरूरत है।

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