ज्ञानवापी का सच आएगा सामने, जुमे की नमाज के बाद दोबारा शुरू हुआ ASI सर्वे

ज्ञानवापी का सच आएगा सामने, जुमे की नमाज के बाद दोबारा शुरू हुआ ASI सर्वे
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सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की 20 सदस्यीय टीम के अलावा हिंदू पक्ष की चार वादिनी महिला, उनके चार अधिवक्ता मौजूद हैं।

वाराणसी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर अन्य हिस्से का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम सर्वे कर रही है। मस्जिद में जुमे की नमाज को देखते हुए मस्जिद परिसर और आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जिला प्रशासन ने सर्वे के बीच जुमे की नमाज को सकुशल सम्पन्न कराने के कार्य को चुनौती के रूप में लिया है। नमाज के दौरान सुरक्षा कारणों से कुछ देर के लिए एएसआई टीम के सर्वे को रोक दिया गया है। दो[हर 02 बजे नमाज के बाद फिर से सर्वे कार्य शुरू हो गया।

ज्ञानवापी परिसर को लेकर शहर में किसी तरह का माहौल न खराब हो, इस पर कमिश्नरेट पुलिस ने एक दिन पहले ही तैयारी कर ली थी। इसके तहत शुक्रवार को जुमे की नमाज सकुशल संपन्न हुई और किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई। इस दौरान भारी पुलिस के साथ आलाधिकारी भी गश्त करते रहे। साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन से भी निगरानी की गई।

मुस्लिम पक्ष ने बनाई दूरी -

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी के अनुसार सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिति के लोग उपस्थित नही है। अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ताओं का कहना है- ' हमने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे आदेश के खिलाफ अपील की थी। उसकी आज सुनवाई होनी है। इसकी जानकारी बनारस के अधिकारियों को दी गई है। हमारा अनुरोध था कि शीर्ष अदालत के आदेश तक सर्वे को रोका जाए।

जीपीआर तकनीक का इस्तेमाल -

सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की 20 सदस्यीय टीम के अलावा हिंदू पक्ष की चार वादिनी महिला, उनके चार अधिवक्ता मौजूद हैं। इसके अलावा जिला शासकीय अधिवक्ता, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अधिवक्ता, एडीएम सिटी और एक अपर पुलिस आयुक्त मौजूद हैं। सर्वे में खुदाई नहीं होगी। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार (जीपीआर) तकनीक का इस्तेमाल टीम करेगी। इसमें रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के जरिये पता चल जाता है कि जमीन या दीवार के अंदर क्या है। इसके अलावा कार्बन डेटिंग पद्धति से भी साक्ष्यों की जांच होगी। दीवारों, नींव, मिट्टी में रंग परिवर्तन की भी टीम जांच करेगी।

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