साल 2022 भाजपा के लिए रहा अहम, 2023 में 9 राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव, 116 लोकसभा सीटों पर मिलेगी 2024 की झलक
File Photo - Narendra Modi
नईदिल्ली। साल 2022 अपनी विदाई की बेला में पहुंच गया है और नया साल 2023 आगमन के लिए तैयार है। साल का अंत नजदीक आते ही लोगों ने नए वर्ष को लेकर योजनाएं बनाना शुरू कर दी है। साथ ही जाते हुए साल का आंकलन करने में जुट गए है। राजनीतिक लिहाज से 2022 की बात करें तो ये सभी दलों के लिए अहम रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश सहित सात राज्यों के चुनावों में से पांच में जीत हासिल कर अपना चुनावी दबदबा बनाए रखा।
सही मायनों में देखा जाएं तो 2022 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही भारतीय राजनीति के केंद्र में रहे। उन्हीं की लोकप्रियता के बल पर भाजपा ने नए मुकाम हासिल किए। वहीँकांग्रेस के लिए ये साल बड़े बदलाव वाला रहा। पार्टी को सालों बाद गांधी परिवार के बाहर से मल्लिकार्जुन खरगे के रूप में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिला। हालांकि उनका नेतृत्व भी गुजरात जैसे बड़े राज्य के चुनावों में फीका ही नजर आया। वे हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने में जरूर सफल हुए। वहीँ आम आदमी पार्टी की बात करें तो साल की शुरुआत में पंजाब में सरकार बनाकर सभी को चौंका दिया।
नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी -
कुछ राजनीतिक जानकारों की मानें तो साल 2022 की तरह 2023 में भी प्रधानमंत्री मोदी ही राजनीति के केंद्र में रहने वाले है। वहीँ कुछ अन्य का कहना है की 2023 में भाजपा की राह 2022 की तरह आसान नहीं रहने वाली है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को माना जा रहा है। राहुल गांधी ने हाल ही में यात्रा का पहला चरण पूरा किया है, जिसमें केरल से लेकर दिल्ली तक सफर पूरा किया है। इस दौरान वह अपनी पुरानी छवि से बाहर निकल एक परिपक्व नेता के रूप में उभरे है।इसके साथ ही उनका रवैया भी भाजपा और प्रधानमंत्री के प्रति बदला है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीँ पीएम मोदी की माँ की तबियत बिगड़ने पर उन्हें सांत्वनां देते नजर आएं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा की इस संकट की घड़ी में मैं आपके साथ हूँ। राहुल गांधी के इस बदले रूख के बाद लोगों का कहना है की 2023 की राजनीति नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होने वाली है।
2024 का सेमीफाइनल साबित होगा 2023 का चुनाव -
अब सभी की नजर आने वाले साल पर है। आगामी वर्ष 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। जिनमे कुल 116 लोकसभा सीटें आती है। इस लिहाज से 2023 को सेमीफाइनल कहा जा रहा है। साल की शुरुआत में फरवरी से मार्च के बीच त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनाव होंगे। मई में कर्नाटक और नवंबर से दिसंबर बीच मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होंगे। इन 9 राज्यों में सबसे अहम मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ का चुनाव अहम है। इनमें मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा की सरकार है जबकि तेलंगाना में टीआरएस, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इन चुनावों से ही 2024 की पटकथा लिखी जाएगी। ऐसे में सभी दल साल भर चुनावी मोड में नजर आएंगे। कांग्रेस और भाजपा के साथ आप भी इन राज्यों की सत्ता में पहुंचने के लिए जोर आजमाइश करती दिखेगी।
अब बात करते है राज्य दर राज्य की स्थिति की -
मध्यप्रदेश -
29 लोकसभा सीट वाले मप्र में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। यहां कांग्रेस 115 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत से दूर थी। ऐसे में कमलनाथ ने निर्दलीयों और सपा-बसपा के सहयोग से सरकार बना ली थी। लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के दल -बदल के बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी। वहीँ शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बन गई। ऐसे में 2023 की बात करें तो ये राज्य एक बार फिर चौकाने वाले परिणाम दें सकता है। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकार बनाने के दावे कर रहीं है। वहीँ आम आदमी पार्टी भी दोनों दलों के वोटों में सेंध लगाकर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की जुगत में लगी हुई है। साल 2024 के लिहाज से भी ये चुनाव महत्वपूर्ण है। इन चुनावों से ये समझने से आसानी मिलेगी की जनता किसके साथ है।
छत्तीसगढ़ -
11 लोकसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में भी आगामी साल में चुनाव होना है। यहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा की 90 में से 68 सीटें जीत ली थी। हालांकि करीब एक साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 11 लोकसभा सीटों में से 9 पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी। ऐसे में साल 2023 का विधानसभा चुनाव बेहद अहम साबित हो सकता है। इस चुनाव परिणाम से ही 2024 के लिए जनता के मूड को समझा जा सकता है।
राजस्थान -
25 लोकसभा सीट वाले 2023 में जिन बड़े राज्यों में चुनाव है उनमे राजस्थान अहम है। यहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल कर बहुमत प्राप्त किया था। वहीँ भाजपा ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वर्तमान में यहां अशोक गहलोत की सरकार है। माना जा रहा है की यहां जनता 5 साल में सत्ता बदलने का रिवाज कायम रखेगी। हालांकि कांग्रेस इसे तोड़ने का दावा कर रही है लेकिन ये दावा पार्टी के आंतरिक कलह की भेंट चढ़ने का अनुमान है।क्योंकि यहांमुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत गूटों के बीच की लड़ाई किसी छिपी नहीं है। ऐसे में ये राज्य भाजपा के लिए अहम साबित हो सकता है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन सकती है।
तेलंगाना -
17 लोकसभा सीट वाले तेलंगाना में वर्तमान में चंद्र शेखर राव के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है। यहां भाजपा सत्ता में आने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। वहीँ टीआरएस भी अपने दल का विस्तार करने में जुटी हुई है। ऐसे में ये चुनाव 2023 का सबसे अहम चुनाव हो सकता है। जिस पर पूरे दश की निगाहें टीकी होंगी। 2023 में विधानसभा चुनाव का परिणाम निश्चित तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव की एक झलक प्रस्तुत करेगा।
कर्नाटक -
28 लोकसभा सीटवाले कर्नाटक में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी लेकिन स्पष्ट बहुमत से दूर थी। ऐसे में कांग्रेस और जेडीएस ने सरकार बना ली थी। बाद में गठबंधन में फूट पड़ने के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई थी। 2021 में यहां भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया । येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। ऐसे में बोम्मई के लिए ये चुनाव अहम होने वाला है।
जम्मू कश्मीर -
इन राज्यों के अलावा जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने के आसार है। माना जा रहा है की मार्च-अप्रैल में यहां चुनाव हो सकते है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार यहां चुनाव होंगे। इस लिहाज से यह चुनाव और भी महत्वपूर्ण साबित होने वाले है क्योंकि इसी चुनाव से यह साबित होने वाला है की जनता को अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला कितना पसंद आया।