बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए बाबा बागेश्वर धाम का संदेश, कायरता छोड़ें, अपनी संस्कृति की रक्षा करें…
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार और धार्मिक असहिष्णुता के बीच बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेशी हिंदुओं से आत्मसम्मान और साहस दिखाने की अपील की है। उन्होंने कहा, "यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। बांग्लादेश के हिंदुओं को अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए।"
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति
बांग्लादेश, जहां 1971 में भारत की मदद से स्वतंत्रता मिली, वहां हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घटती जा रही है। पहले जहां हिंदू समुदाय की आबादी 20% थी, वह अब घटकर 8% से भी कम रह गई है। यह गिरावट केवल जनसांख्यिकी का मुद्दा नहीं है, बल्कि धार्मिक भेदभाव, संपत्ति हड़पने की घटनाओं, और मंदिरों पर हमले जैसी समस्याओं का परिणाम है।
कुछ महीने पहले शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से तो हिंदुओं को नियमित रूप से उत्पीड़न, सामूहिक हिंसा, और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के दौरान मंदिरों पर हमले आम हो गए हैं। कई हिंदू परिवार अपनी पहचान और धर्म को बचाने के लिए पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री का संदेश
धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेशी हिंदुओं को संदेश दिया है कि वे कायर और डरपोक न बनें। उन्होंने कहा, "अगर वहां के हिंदू एकजुट होकर सड़कों पर उतरें और अपनी एकता दिखाएं, तो वे अपनी संस्कृति को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनकी संस्कृति धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।"
उन्होंने भारत सरकार से भी अपील की कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए। इसके साथ ही उन्होंने इस्कॉन जैसे संगठनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन सनातन धर्म के संरक्षण के लिए काम कर रहा है।
#WATCH | MP | On atrocities against Hindus in Bangladesh, Bageshwar Dham's Dhirendra Shastri says, It is unfortunate and worrisome. The government of India should raise this issue on the international level. The Hindus in Bangladesh should come out on the roads and hold the… pic.twitter.com/6ENyGvZkZ1
— ANI (@ANI) November 29, 2024
क्या किया जा सकता है?
अंतरराष्ट्रीय दबाव: भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का उपयोग करना चाहिए।
संगठनात्मक समर्थन: हिंदू संगठनों को बांग्लादेशी हिंदुओं की मदद के लिए संसाधन और कानूनी सहायता प्रदान करनी चाहिए।
सामूहिक एकता: बांग्लादेशी हिंदुओं को संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।
यह समय की मांग है कि बांग्लादेशी हिंदू अपनी संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाएं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आए।