बाबुल सुप्रियो का राजनीति से सन्यास, भाजपा को लेकर दिए अपने विचार

बाबुल सुप्रियो का राजनीति से सन्यास, भाजपा को लेकर दिए अपने विचार
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सांसद पद से देंगे इस्तीफा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संयास का एलान कर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने आज फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट दाल कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा की मैं एक माह के अंदर संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा।

उन्होंने लिखा - मैं तो जा रहा हूँ.अलविदा, सबने सुना - बाप, (माँ) पत्नी, बेटी, दो प्यारे दोस्त.. सब सुन कर कहता हूँ, मैं तो जा रहा हूँ... 'कुछ देर रुके रहे'.. कुछ मन रखा और कुछ टूट गए.. कहीं काम से खुश हो गए, कहीं निराश | तुम मूल्यांकन नहीं करोगे। ' मेरे ' मन ' में उठते सभी सवालों के जवाब देने के बाद कह रहा हूँ.. मैं इसे अपने तरीके से कह रहा हूँ.. मैं जा रहा हूँ। उन्होंने आगे लिखा सामाजिक कार्य करना है तो बिना राजनीति के भी कर सकते हैं - चलो थोड़ा पहले खुद को संगठित करते हैं फिर.जाहिर है संसद पद से इस्तीफा भी इस्तीफा दे रहा हूँ।

पिछले कुछ दिनों में, मैंने बार-बार राजनीति छोड़ने का फैसला माननीय अमित शाह और माननीय नड्डाजी को बताया है और मुझे हर तरह से प्रेरित करने के लिए मैं उनका सदा आभारी हूं। मैं उनके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा और इसलिए मैं उन्हें फिर कभी वही बात कहने का दुस्साहस नहीं दिखाऊंगा - खासकर जब मैंने बहुत पहले तय कर लिया है कि मेरा 'मैं' क्या करना चाहता है || तो फिर वही बात दोहराने के लिए, कहीं न कहीं वे सोच सकते हैं कि मैं एक 'पद' के लिए 'सौदेबाजी' कर रहा हूँ। और जब यह बिल्कुल भी सच नहीं है, तो मैं नहीं चाहता कि उनके दिमाग कोई संदेह पैदा हो। मैं प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे गलत समझे बिना माफ कर देंगे।

2014 और 2019 में बहुत बड़ा अंतर है -

2014 में भाजपा के टिकट से मैं अकेला था (अहलूवालियाजी के सम्मान में - जीजेएम दार्जिलिंग सीट पर भाजपा की सहयोगी थी) लेकिन आज भाजपा बंगाल में मुख्य विपक्षी दल है। आज पार्टी में कई नए उज्ज्वल युवा नेता हैं और साथ ही कई पुराने नेता भी हैं।कहने की जरूरत नहीं है कि उनकी अगुवाई वाली टीम यहां से काफी आगे जाएगी मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह स्पष्ट है कि आज पार्टी में किसी व्यक्ति का होना कोई बड़ी बात नहीं है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि इसे स्वीकार करना ही सही निर्णय होगा! कई नए मंत्रियों को अभी तक सरकारी मकान नहीं मिला है इसलिए मैं एक महीने में अपना घर छोड़ दूंगा।

2024 में भी नरेन्द्र मोदी ही होंगे पीएम -

उन्हों आगे लिखा फ्लाईट में स्वामी ति रामदेवजी से एक छोटी सी बातचीत हुई थी। मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं आया जब मुझे एहसास हुआ कि भाजपा बंगाल को बहुत गंभीरता से ले रही है, वह ताकत से लड़ेगी लेकिन शायद उसे किसी सीट की उम्मीद नहीं है। ऐसा क्यों सोचा गया, जो बंगाली श्यामाप्रसाद मुखर्जी का इतना सम्मान और प्यार करते हैं, अटल बिहारी वाजपेयी,का सम्मान करते है। वह बंगाली भाजपा को वोट नहीं देंगे ऐसा कैसे हो सकता है! आज देश ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार माननीय नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री चुना। अगले 2024 में भी वहीं होंगे। क्या बंगाल इसके उलट सोचेगा?बिल्कुल नहीं। ऐसा लग रहा था कि चुनौती को तब बंगाली के रूप में लिया जाना चाहिए था, इसलिए मैंने सभी की बात सुनी।लेकिन मुझे जो सही लगा वह किया।

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