बद्रीनाथ के खुले कपाट, चारधाम की विधिवत यात्रा शुरू, जानिए मंदिर से जुड़े तथ्य

बद्रीनाथ के खुले कपाट, चारधाम की विधिवत यात्रा शुरू, जानिए मंदिर से जुड़े तथ्य
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देहरादून। देश के पवित्र तीर्थ यात्रा चारधाम के प्रमुख मंदिर बद्रीविशाल के कपाट आज खुल गए है। इसी के साथ चारधाम की विधिवत यात्रा शुरू हो गई है। । इस विशेष अवसर पर करीब 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बद्री विशाल और अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया। ब

पूजा के बाद खुले कपाट-

उद्धव और कुबेर की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर मां लक्ष्मी को गर्भगृह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजित किया गया। मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के निर्देशन में द्वार पूजन हुआ। पूजा-अर्चना के बाद गाडू घड़े को मंदिर के अंदर ले जाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से हुई पहली पूजा । ठीक सुबह सात बजकर 10 मिनट पर जयकारों के बीच बद्री विशाल के कपाट खोले गए।

6 माह बंद रहते है गेट -

भगवान बद्रीनाथ का मंदिर उनके भक्तों के दर्शन के लिए ​साल में सिर्फ छह महीनों के लिए खुलता है और भारी बर्फबारी के चलते शेष 6 माह बंद रहता है

बंद गेट में जलता रहता है दीपक -

बद्रीनाथ मंदिर के भगवान बद्री विशाल के सामने एक दीया जलता है जो कभी भी बुझता नहीं है। 6 माह मन्दिर बंद रहने के दौरान भी नहीं बुझता।

केरल से आते है पुजारी -

बद्रीनाथ धाम में भगवान श्री विष्णु की पूजा केरल से आए पुजारी करते है। पहली पूजा अधिकार केरल के पुजारियों को दिया गया है।

बद्रीनाथ धाम को लेकर मान्यता है कि भविष्य में नर-नारायण पर्वत के मिल जाने पर यहां जाने का रास्ता बंद हो जाएगा। इसके बाद भक्त भविष्य बद्री में भगवान विष्णु के दर्शन करेंगे।

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