सरकारी पैसों पर केवल कुरान नहीं पढ़ाया जा सकता : हेमंत बिस्वा सरमा
गुवाहाटी। असम में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सरकारी मदरसों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य में चल रहे सभी मदरसों को अब सरकारी स्कूल में बदल दिया जाएगा। राज्य सरकार में वित्त और शिक्षा मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को इसकी घोषणा की। शर्मा ने कहा कि सरकारी पैसों पर केवल कुरान को नहीं पढ़ाया जा सकता है, अगर ऐसा होता है तो बाइबिल और गीता को भी पढ़ाना चाहिए। सरकारी स्तर पर इस तरह की विसंगति को दूर करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार नवंबर में अधिसूचना जारी कर देगी।
इन मदरसों की जगह 10वीं और 12वीं के नए स्कूल खोले जाएंगे। मंत्री ने कहा कि सरकार को निजी मदरसों से कोई आपत्ति नहीं है।
लव जिहाद के खिलाफ होगी सख्ती
सोनोवाल सरकार राज्य में व्यापक स्तर पर लव जिहाद की घटनाओं को रोकने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से असम में मुस्लिम युवा हिन्दू बनकर हिन्दू लड़कियों को गुमराह करने में लगे हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं। फेसबुक आदि पर अपना फर्जी एकाउंट बनाकर हिन्दू लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनसे शादी कर लेते हैं। सच्चाई जब सामने आती है तो उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शर्मा ने इस पर कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस तरह की हरकतों पर राज्य सरकार सख्ती बरतेगी। उन्होंने कहा कि हम ऐसी उस शादी पर ध्यान रखेंगे जो जबरदस्ती से की गई हो। हम ऐसी किसी भी शादी के खिलाफ हैं जो धोखेबाजी से की गई हो।
राज्य में सरकारी मदरसे हैं 614
असम में 614 मदरसे सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं निजी स्तर पर भी 900 मदरसे हैं। लगभग सभी मदरसे जमीअल उल्मा की ओर से चलाए जाते हैं।
2 साल पहले मदरसा बोर्ड और संस्कृत बोर्ड का किया था समायोजन
दो साल पहले राज्य सरकार ने संस्कृत और मदरसों को नियंत्रित करने वाले संस्थान को बदला गया था। राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के सभी मदरसों को सकेंडरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन असम के अंतर्गत कर दिया था और संस्कृत बोर्ड को कुमार भाष्कर वर्मा संस्कृत ऐंड एंसिएंट स्टडीज यूनिवर्सिटी के तहत कर दिया था।
मदरसों के आंतकियों से जुड़े तार
उधर, कश्मीर के शोपियां में एक मदरसे के 13 छात्रों के आतंकियों से तार जुड़े होने का मामला सामने आने पर हंगामा खड़ा हो गया है। इस मामले में मदरसे के 3 शिक्षकों को भी गिरफ्तार किया गया है। मदरसों में इस तरह के असामाजिक तत्वों को दूर करने के लिए अगर मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो इस पर राजनीति बचैन क्यों हो रही है।