माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बुलेटप्रूफ एंबुलेंस मामले में नया मोड़, बीजेपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज
लखनऊ। मऊ सदर सीट से बसपा विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की एंबुलेंस मामले में पुलिस ने अस्पताल और डॉक्टर को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। बाराबंकी पुलिस ने मऊ स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका एवं भाजपा नेता डॉ. अलका राय के खिलाफ धोखाधड़ी समेत दूसरी अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बाराबंकी (Barabanki) के एआरटीएम की तहरीर पर पुलिस ने 419, 420, 467, 468 और 471 की धाराओं में डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं पुलिस जांच में रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंट्स और मकान का पता फर्जी पाया गया है। पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने बुधवार को 2019 के एक जबरन वसूली करने के मामले में अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस में कोर्ट लाया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तर प्रदेश का था।
एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 41 एटी 7171 है और यह बाराबंकी जिले की है। गाड़ी की पंजीकरण की अवधि 2017 में ही खत्म हो गई थी। तब से इसे नवीनीकृत नहीं कराया गया है। इसके अलावा जिस अस्पताल में यह एम्बुलेंस पंजीकृत थी, उसका नाम भी संदिग्ध है। नाम न लिखने की शर्त पर बाराबंकी आरटीओ के एक अधिकारी ने बताया कि पंजीकरण के अलावा गाड़ी की फिटनेस भी 2017 में समाप्त हो गई थी। इस पूरे मामले में सबसे पेचीदा बात यह है कि पंजाब की रोपर जेल से मुख्तार अंसारी को ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश की एम्बूलेंस का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को 2019 के एक जबरन वसूली करने के मामले में अंसारी को कोर्ट में पेश किया था।
श्याम संजीवनी के नाम पंजीकृत है एम्बुलेंस
माफिया मुख्तारी अंसारी की एंबुलेंस डॉ. अलका राय (Dr Alka Rai) के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है। इस पर डॉ. अलका राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्ष 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि ने हॉस्पिटल के नाम से एंबुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर इत्यादि मांगे थे। जिस प्रक्रिया को उनके हॉस्पिटल के निदेशक ने पूरा कराया था, लेकिन उसके बाद वह एंबुलेंस कहां आई? कहां गई? इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं हो सकी है।
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बाराबंकी के अस्पताल से कोई लेने-देना नहीं
भाजपा नेता डॉ. अलका राय ने बताया कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी (Shyam Sanjiwani Hospital) नाम से उनका एक हॉस्पिटल है, जबकि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है। बाराबंकी में उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं है। श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उस एंबुलेंस से मुख्तार अंसारी के सेवा की सूचना भी मीडिया से मुझे मिली है।
पूरे मामले की जांच के बाद होगी कार्रवाई
मुख्तार अंसारी की इस एंबुलेंस को लेकर कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और बुलेटप्रूफ है। इसे लेकर प्रदेश सरकार इसकी जांच कराएगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस सरकारों ने मुख्तार अंसारी को समर्थन दिया। इसी का नतीजा है कि आज वह सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि एंबुलेंस का निजी इस्तेमाल मुख्तार कैसे कर रहे हैं? या बड़ा सवाल है। एंबुलेंस एक अस्पताल के नाम पर है। हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और कार्रवाई भी करेंगे।
आखिर एम्बुलेंस को बुलेटप्रूफ किसने बनवाया?
मंत्री डॉ. सिद्धार्थ नाथ सिंह (UP Minister Siddharthanath Singh) ने यह भी कहा कि आखिर वह कौन सी सरकार थी? जिसके कार्यकाल में मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस मिली। वह भी निजी इस्तेमाल के लिए। उसको लग्जरी बनाया गया। बुलेट प्रूफ बनाया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब सरकार को भी बयान देना चाहिए कि आखिर निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी पंजाब में कैसे कर रहा है? इसकी भी जांच होनी चाहिए। हम पूरे मामले की जांच कराएंगे और किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।