क्रिकेट के मैदान पर बारूद की गूंज: चैंपियंस ट्रॉफी से पहले जानिए पाकिस्तान में खेल और आतंक का खौफनाक इतिहास

चैंपियंस ट्रॉफी से पहले जानिए पाकिस्तान में खेल और आतंक का खौफनाक इतिहास
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Champions Trophy 2025: पाकिस्तान 19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी कर रहा है लेकिन यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं बल्कि उस विश्वास की परीक्षा भी है जो वहां के क्रिकेट पर लंबे समय से मंडराते खतरों के बीच डगमगाता रहा है। पिछले दो-ढाई दशकों में पाकिस्तान क्रिकेट सिर्फ खेल के रोमांच के लिए नहीं, बल्कि गोलियों, धमाकों और खून से सने पन्नों के लिए भी चर्चा में रहा है।

2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले ने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया था। कभी खिलाड़ियों पर गोलियां बरसाई गईं तो कभी उनकी बसों पर रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड से हमला हुआ। ऐसे कई काले पन्ने हैं जो पाकिस्तान में क्रिकेट के खूनी अतीत की कहानी बयां करते हैं।

अब जब एक बार फिर पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का बड़ा मंच सज रहा है तो अतीत की वे दर्दनाक घटनाएं याद आना लाजमी है। आइए जानते हैं कब-कब पाकिस्तान में क्रिकेट ने खूनी रंग लिया और किन खिलाड़ियों को आतंक का सामना करना पड़ा।

जब क्रिकेट के मैदान तक नहीं पहुंच पाई श्रीलंका टीम

साल 2009 में पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम पर ऐसा हमला हुआ जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। यह घटना 3 मार्च 2009 की सुबह हुई जब श्रीलंकाई खिलाड़ी लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम की ओर बढ़ रहे थे। टेस्ट मैच का तीसरा दिन शुरू होने वाला था लेकिन इससे पहले ही आतंकियों ने टीम बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इस हमले में कई खिलाड़ी घायल हो गए तो वहीं सुरक्षा बलों और हमलावरों के बीच मुठभेड़ भी हुई। इस घटना के बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लगभग खत्म हो गया और कई सालों तक विदेशी टीमें वहां खेलने से कतराने लगीं।

3 मार्च 2009 को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के पास श्रीलंकाई टीम की बस पर करीब एक दर्जन आतंकियों ने घातक हमला किया। रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड भी दागे गए लेकिन निशाना चूक गया। इस हमले में पाकिस्तान के कई सुरक्षाकर्मी और दो नागरिकों की मौत हो गई जबकि श्रीलंका के 7 खिलाड़ी और 2 सपोर्ट स्टाफ गंभीर रूप से घायल हो गए।

कुमार संगकारा - कंधे पर छर्रा लगा।

महेला जयवर्धने - टखने के पास से गोली गुजरी।

थिलन समरवीरा- जांघ में गोली लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।

अजंता मेंडिस, थिलन तुषारा, तरंगा परनविताना, सुरंगा लकमल- हमले में घायल हुए।

आतंकी हमले के बाद श्रीलंका टीम को स्टेडियम से सीधे एयरलिफ्ट कर स्वदेश भेज दिया गया, और इस घटना ने पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को लगभग एक दशक के लिए ठप कर दिया।

न्यूजीलैंड टीम पर हमला, होटल के बाहर बम धमाका

2002 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा भी दहशत में बदल गया। कराची में दूसरे टेस्ट से पहले टीम होटल के बाहर जोरदार बम धमाका हुआ। उस समय पाकिस्तान और न्यूजीलैंड, दोनों टीमें होटल में ही थीं। इस धमाके में किसी खिलाड़ी को चोट नहीं आई लेकिन 12 निर्दोष लोगों की जान चली गई। सुरक्षा को देखते हुए न्यूजीलैंड टीम ने तुरंत पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया और वापस लौट गई।

ये घटनाएं दिखाती हैं कि पाकिस्तान में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि खतरों से भरी चुनौती भी रही है। अब जब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है तो सुरक्षा को लेकर चिंताएं एक बार फिर गहरा रही हैं।

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