एक निमंत्रण पत्र, दूसरी होर्डिंग, हरदोई भाजपा की सच्ची सूरत...

एक निमंत्रण पत्र, दूसरी होर्डिंग, हरदोई भाजपा की सच्ची सूरत...

Bharat Vibhishika Sammelan

बृजेश कबीर। भारतीय जनता पार्टी में भले ही ऊपर ऊपर सब ठीकठाक बताया जाता है। पिछले दिनों भाजपा दफ्तर में बैठी कोर कमेटी से भीतर की बातें बाहर आने देने मनाही के बाद भी दीवारों के भी कान होते हैं, ये कहावत है ही फिर। मीडिया को मिले निमंत्रण पत्र पर मुख्य कार्यक्रम कम्पनी बाग के शहीद उद्यान में 150 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण किया जाना बताया गया था। लिहाजा पत्रकार और अभियान के संयोजक जिला उपाध्यक्ष प्रीतेश दीक्षित, पालिकाध्यक्ष सुख सागर मिश्र मधुर, पारुल दीक्षित, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विश्वराज सिंह सहित कई लोग समय से पहुंच गए। एमएलसी इंजी अवनीश सिंह के शहर में कर्ताधर्ता अमित आर्य व्यवस्थाओं में लगे थे। आधा घंटा बीतने के बाद भी मामूली चहल पहल दिखने से खटका हुआ। इसी दौरान पहुंचे पार्टी के मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक से पूछने पर पता चला अध्यक्ष जी ने कार्यक्रम संशोधित कर दिया है। तब मालूम हुआ कि पहले गांधी मैदान से भाजयुमो की बाइक तिरंगा यात्रा रफ्तार पकड़ेगी। खैर, यात्रा कम्पनी बाग में विसर्जित हुई।

मुख्य से दूसरे दर्जे के कार्यक्रम में आधा घंटा तो बारिश बाधा बनी रही। इंतजार के बाद झीनी बारिश में, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती पीके वर्मा, एमएलसी इंजी अवनीश सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन, जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह ने शहीद स्तम्भ, शहीदों की प्रतिमाओं और अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि के बाद गगनचुम्बी राष्ट्रध्वज को नमन कर फहराया और लोकार्पित किया।

राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम तो विसर्जित हो गया, पर बातें पीछे छूट गई। ये भी कि गरिमामयी उपस्थिति में आमंत्रण के बाद भी सदर सांसद जय प्रकाश, सदर विधायक/आबकारी व मद्य निषेध नितिन अग्रवाल और एमएलसी अशोक अग्रवाल नहीं पहुंचे। अब मुख्य कार्यक्रम दूसरे दर्जे का हो जाने और आमंत्रण पत्र का साम्य खोजा ही जा रहा है।

कार्यकर्ता जो ना करा दें...

नरेश अग्रवाल का चेहरा, कद, नाम होर्डिंग्स की दया का मोहताज नहीं है। लेकिन, भारत विभाजन विभीषिका की संगोष्ठी और प्रदर्शनी वाली होर्डिंग में उनका चेहरा एकदम किनारे लगाया है। बेहतर होता नहीं ही लगाते और ना ही उनकी और से ऐसा कोई विशेष निर्देश होगा। पर अतिउत्साह में कार्यकर्ता ऐसा कर गुजर जाते हैं कि बतकहियां फिर होती ही हैं दबी जुबान भी और खुल के भी।

बाइक तिरंगा यात्रा और राष्ट्रध्वज लोकार्पण कार्यक्रम से भाजपा का एक धड़ा गैरहाजिर नजर आया तो बात फिर इस पर भी हो ही रही है लगातार कि इस गुटबाजी को कौन हवा दे रहा है।

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