Vodafone Idea Airtel: VI समेत भारती एयरटेल को लगा तगड़ा झटका, इस वजह से देने पड़ेंगे 92,000 करोड़ रुपए

VI समेत भारती एयरटेल को लगा तगड़ा झटका, इस वजह से देने पड़ेंगे 92,000 करोड़ रुपए
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VI -Airtel Fine: टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां समय-समय पर अपने ग्राहकों के लिए नई स्कीम्स लेकर आती है लेकिन टेलीकॉम कंपनियों में शामिल वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल को बड़ा झटका लगा है जहां सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए 92000 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना इन कंपनियों पर लगाया है जो इन्हें तय समय पर चुकाना पड़ेगा।

जाने क्या है मामला

दरअसल टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) तय करते समय दूरसंचार ऑपरेटरों के नॉन-कोर रेवेन्यू (जिससे कंपनी को सीधी कमाई होती है) को ध्यान में रखा जाएगा। जिसे सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों पर पिछले 15 वर्षों में जमा हुए एजीआर बकाया के रूप में भारत सरकार को 92,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करना होगा।

जानें मामले में कोर्ट ने क्या दिया तर्क

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट इंडिया के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई सहित तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 30 अगस्त को क्यूरेटिव याचिकाओं पर विचार किया। साथ ही फैसला देते हुए कहा कि, हमने क्यूरेटिव याचिकाओं और संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया है. हमारी राय में रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा मामले में इस न्यायालय के निर्णय में बताए गए मापदंडों के भीतर कोई मामला नहीं बनता है. क्यूरेटिव याचिकाएं खारिज की जाती हैं। नियम कहता है कि, दूरसंचार विभाग के साथ राजस्व साझाकरण समझौते के तहत टेलीकॉम सर्विस ऑपरेटरों को दूरसंचार विभाग को लाइसेंसिंग शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क का भुगतान करना होता है।

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