Bhojshala ASI Report : दो हजार से अधिक पन्नों की भोजशाला ASI रिपोर्ट MP हाई कोर्ट में पेश
Bhojshala ASI Report
Bhojshala ASI Report : धार, मध्यप्रदेश। भोजशाला की ASI रिपोर्ट MP हाई कोर्ट में पेश कर दी गई है। यह रिपोर्ट दो हजार से अधिक पन्नों की है। इसमें 98 दिन तक चले सर्वे का पूरा खाका है। इस रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि, भोजशाला वाग्देवी का प्राचीन ममंदिर है या कलाम मौला मस्जिद। रिपोर्ट में क्या कुछ है इसे अभी मीडिया के साथ साझा न करने का निर्देश दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार भोजशाला के एएसआई सर्वे में कई प्राचीन मूर्तियां और मंदिर के अवशेष मिले हैं। इस आधार पर हिन्दू पक्ष दावा कर रहे हैं कि, अदालत द्वारा इसे राजा भोज द्वारा स्थापित वाग्देवी का प्राचीन मंदिर ही माना जाएगा। रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है इसलिए ASI की रिपोर्ट में क्या कुछ खुलासा किया गया है इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। सोमवार को ही ASI द्वारा मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के सामने यह रिपोर्ट पेश की गई है।
मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला पर एएसआई की रिपोर्ट पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने इंदौर उच्च न्यायालय (High Court) में अपनी रिपोर्ट दाखिल की है। यह रिपोर्ट 2,000 पृष्ठों की है। सर्वेक्षण 98 दिनों तक चला, हम रिपोर्ट की डीटेल देख रहे हैं। यह बहुत सकारात्मक है, यह हमारे मामले को पूरी तरह से साबित करता है कि वहाँ पहले से ही एक हिंदू संरचना मौजूद थी जिसे अवैध रूप से मस्जिद में बदल दिया गया था। हम सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई करेगा।"
कुछ समय पहले एएसआई ने एमपी हाई कोर्ट (MP High Court) की इंदौर बेंच से रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा था। कोर्ट ने एएसआई को 15 जुलाई तक का समय दिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। कोर्ट ने ज्ञानवापी की तरह ही भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे कराए जाने का आदेश दिया था।
एएसआई ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगा था। ज्ञानवापी की तर्ज पर मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला का सर्वे पिछले 98 दिन तक चला था। हिन्दू भोजशाला को वाग्देवी का मंदिर मानते हैं वहीं मुस्लिम इसे कलाम मौला मस्जिद मानते हैं। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने भोजशाला का धार्मिक करैक्टर जानने के लिए सर्वे का आदेश दिया था।
दावा किया जा रहा है कि, एएसआई को इस सर्वे में कई प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। रिपोर्ट पेश होने ऊपर ही भोजशाला के धार्मिक कैरेक्टर को तय किया जा सकेगा। हिन्दू फॉर जस्टिस ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के समक्ष याचिका लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला का एएसआई सर्वे कराए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से सर्वेक्षण शुरू किया था। कोर्ट ने 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था लेकिन समय - समय पर कोर्ट ने डेडलाइन बढ़ा दी थी।