बड़ा खुलासा : करोड़ों की नजूल सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से हथिया रहे भू-माफिया
नजूल की जमीन को फ्री होल्ड कराने का बड़ा खुलासा
Big Disclosure of Freehold of Nazul Land Ayodhya : अयोध्या, उत्तरप्रदेश। अयोध्या में नजूल की जमीन को फ्री होल्ड कराने का बड़ा खेल सामने आया है। हालत ये हैं कि, नजूल यानी सरकारी जमीन पर बने एसपी विजिलेंस के ऑफिस (SP Vigilance office) को फ्री होल्ड कराके उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके अलावा करीब 90 साल से बने भारतीय स्टेट बैंक को भी नजूल की जमीन से लगभग बाहर कर दिया गया है।
सरकारी जमीन से सरकारी दफ्तरों को ही बेदखल किए जाने से हैरत में पड़े आवास विभाग ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आवास विभाग कई बिंदुओं पर इसकी जांच कर रहा है कि, आखिर नजूल की जमीन को कैसे फ्री होल्ड किया गया, किन लोगों ने कराया, इसमें सरकारी महकमों और अधिकारियों की क्या भूमिका रही और इसे किस आधार पर खाली कराया गया।
नजूल की जमीन कब्जाने की रणनीति :
नजूल की आड़ में हावी सिंडीकेट का दबाव इतना जबरदस्त है कि, सरकार अपनी ही जमीन नहीं बचा पा रही है। अयोध्या में साल 1935 से जिस जमीन पर भारतीय स्टेट बैंक चल रहा है उसकी कीमत 300 करोड़ से ज्यादा है। नजूल की जमीन कब्जाने की यह रणनीति पूरे प्रदेश में संगठित रूप से चल रही है। ये हाल तब है जब नजूल की जमीन को फ्री होल्ड कराने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
कार्रवाई से डरते हैं अधिकारी :
सूत्रों के मुताबिक नजूल जमीन को खाली कराने वाले सिंडीकेट इतने मजबूत हैं कि, कार्रवाई के नाम पर बड़े-बड़े अफसरों के हाथ कांपते हैं। शासन ने जब ऐसे ही नजूल रजिस्टर की जांच की तो बड़ा खेल पकड़ में आया। नजूल की जमीन पर तीन-तीन बार नाम बदल दिए गए। इन जमीनों पर मूल नाम के बाद अन्य नाम कैसे बदले गए, इसका कोई जिक्र नहीं है।
फर्जी तरीके से फ्री होल्ड कराई जमीन पर होगी कार्रवाई :
राजकीय आस्थान की जमीन को फ्री होल्ड कराने के लिए बड़ा खेल किया गया है। पहले इस जमीन को नजूल में शामिल किया गया। फिर फ्री होल्ड करा ली गई। अब शासन फर्जी तरीके से फ्री होल्ड कराई गई जमीन को निरस्त करेगा।
राम मंदिर पर फैसले के बाद से ही जम गई थी नजर :
राम मंदिर पर फैसला आने के बाद राज्य सरकार की ओर से भव्य राममंदिर बनाने की घोषणा से यहां जमीन का खेल शुरू हो गया। सिर्फ पांच साल में अयोध्या की जमीन सोना उगलने लगीं। बीघों में बिकने वाले प्लॉट नोएडा-लखनऊ की तरह वर्गफीट में बिकने लगे। नजूल की अरबों की जमीन पर सफेदपोशों की भी नजर पड़ गई। जानकारी के अनुसार करीब 92 एकड़ जमीन को फ्री होल्ड कराने के लिए हर दांव आजमाया जा रहा है। अब इस खुलासे के बाद सरकार क्या एक्शन लेगी और किन लोगों के नाम सामने आएंगे ये देखने लायक होगा।
योगी सरकार लाई थी बिल :
बता दें कि, नजूल की जमीन से जुड़ा एक बिल बीते दिनों विधानसभा में पेश किया गया था। विधानसभा से पास होने के बाद मामला विधानपरिषद में अटक गया था। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ही इस बिल का विरोध किया था। अब ये बिल प्रवर समिति के पास है। बिल में प्रमुख रूप से प्रावधान किया गया था कि, नजूल की जमीन को किसी व्यक्ति या प्राइवेट संस्था के पक्ष में फ्री होल्ड नहीं किया जाएगा। जिस जमीन की लीज ख़त्म हो रही है उसे भी इस बिल के पास होने के बाद दोबारा लीज पर न देकर सार्वजनिक उपयोग में लाया जाना था।