बिहार: भ्रष्‍टाचार की वही पुरानी कहानी, पुल ने फिर एक बार की आत्महत्या...

भ्रष्‍टाचार की वही पुरानी कहानी, पुल ने फिर एक बार की आत्महत्या...

बिहार: भ्रष्‍टाचार की कहानी बार बार दौहराता बिहार जनता के टैक्‍स के पैसों पर खुला तमाचा मारने की हैसीयत रखता है।

हर महीने बिहार में कोई न कोई पुल‍ गिरने की खबर आती ही रहती है, काम होता है तो सिर्फ कागजों में। एक बार फिर भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का हिस्सा गिर गया।

30 महीने में तीसरी बार यह पुल गिरने की खबर सामने आई है। 1700 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत के इस पुल का शिलान्यास 2014 में हुआ था, जो अब तक बनकर तैयार नहीं हो पाया और लगता है कि कभी हो भी नहीं पाएगा।

खबरों के अनुसार पुल काफी वर्षों से यह पुल बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन काफी प्रयासों के बाद वो पुल बनने में सफल नहीं हुआ, बाकी प्रदेशों में जो पुल इस वाले के साथ बनना चालू हुए थे वो काफी पहले पुल बन गए और सेवा भी देने लगे, कंपटीशन के इस दौर में बार बार असफलता हांथ लगने पर पुल पहले भी दो बार आत्महत्या की कोशिश कर चुका है।

विपक्ष का कहना है कि पुल बेरोजगारी का शिकार हुआ है, इतने साल से पुल बनने की तैयारी कर रहा था और पुल नहीं बन पाया, इसलिए हम मांग करते है कि राज्य सरकार इस्तीफा दे और हमारी सरकार आने पर हम अच्छे पुल बनवाएंगे और कोई पुल आत्महत्या नहीं करेगा।

घटना को लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणी

पुल एसोसिएशन का कहना है कि इस दुख की घड़ी में हम पुल के मां बाप के साथ खड़े हैं और आर्थिक मदद के लिए हम चंदा चटनी जुटाने में लगे हैं।

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