बीजामंडल विवाद: मध्यप्रदेश में एक IAS के तबादले से गुस्सा हैं असदुद्दीन ओवैसी, आखिर ऐसा क्या है इस अधिकारी में खास

मध्यप्रदेश में एक IAS के तबादले से गुस्सा हैं असदुद्दीन ओवैसी, आखिर ऐसा क्या है इस अधिकारी में खास

मध्यप्रदेश में एक IAS के तबादले से गुस्सा हैं असदुद्दीन ओवैसी

मध्यप्रदेश। यूं तो आए दिन किसी न किसी अधिकारी का तबादला होता रहता है लेकिन मध्‍यप्रदेश के एक अधिकारी का तबादला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। मध्यप्रदेश के इस अधिकारी के लिए हैदराबाद के सांसद का दिल पिघल गया है। हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने एक्‍स हैंडल से इस अधिकारी के लिए आवाज उठाई है और भाजपा सरकार को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्‍तार से....

पहले जानिए असदुद्दीन ओवैसी ने क्‍या कहा :

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मध्य प्रदेश में संघ के संगठनों ने मांग की कि उन्हें मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिला कलेक्टर ने एएसआई गजट में संरचना को मस्जिद बताया और अनुमति देने से इनकार कर दिया। कलेक्टर का तबादला इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने कानून का पालन किया। वक्फ संशोधन विधेयक का यही खतरा है। सरकार कलेक्टर को बहुत ज़्यादा अधिकार देना चाहती है, अगर कोई कहता है कि मस्जिद मस्जिद नहीं है; तो कलेक्टर को भीड़ की मांग माननी होगी या फिर उसका तबादला कर दिया जाएगा। कोई भी सबूत पर्याप्त नहीं होगा।

अब जानिए कि ओवैसी आखिर किस घटना का जिक्र कर रहे हैं :

दरअसल 1600 साल पुराने हिंदू मंदिर से आज हिंदू पूजा वंचित है। विदिशा का यह प्राचीन विजय सूर्य मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है। भक्‍त हर साल नागपंचमी पर बीजा मंडल परिसर में जाकर बंद ताले की पूजा करते हैं और अपने आराध्‍य के दर्शन किए बिना ही वापस आ जाते हैं। मंदिर के गेट पर हमेशा ताला भी लगा रहता है।

इस बार हिंदूवादी संगठनों और स्‍थानीय नागरिकों ने प्रशासन से ताले को खोलने की अनुमति मांगी तो जिला प्रसाशन को यह भी रास नहीं आया है। भारतीय पुरातत्‍व विभाग इसे मस्जिद बता रहा है। वहीं जिला प्रसाशन का कहना है कि बीजा मंडल पुरातत्‍व विभाग के अंतर्गत आता है और पुरातत्‍व विभाग में बीजा मंडल मस्जिद के रूप में दर्ज है।

विदिशा के बीजामंडल विवाद का मामला तब सामने आया जब हिंदू संगठनों ने इस विजय सूर्य मंदिर पर​ नागपंचमी के दिन पूजा की अनुमति कलेक्‍टर को आवेदन पत्र लिखकर मांगी। अनुमति न मिलने पर विवाद और बढ़ गया। जिला प्रशासन ने ASI के निर्देशानुसार पूजा पर रोक लगा दी और कहा कि यह मस्जिद है, जिससे हिंदू संगठन असंतुष्ट हैं।

इसके बाद क्‍या हुुआ :

इसके बाद 10 और 11 अगस्त की दरमियानी रात को मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश निकाला और 47 अधिकारियों का तबादला कर दिया। इस सूची में सबसे अहम नाम था बुद्धेश कुमार वैद्य। ये वहीं विदिशा कलेक्‍टर हैं जिन्‍होंने नागपंचमी के दिन पूजा की अनुमति देने से मना कर दिया था। बुद्धेश कुमार वैद्य को अब एमपी गृह विभाग उप सचिव बना दिया गया है। व‍हीं रोशन कुमार सिंह को विदिशा की जिम्‍मेदारी दी गई।

बुद्धेश कुमार वैद्य ही वो अधिकारी हैं जिनके आदेश के बाद बीजामंडल विवाद और बढ़ गया। उनके निर्णय को कोई सही तो कोई गलत बता रहा है। बुद्धेश कुमार वैद्य के निर्णय के प्रशंसकों में एक नाम असदुद्दीन ओवैसी का भी जुड़ गया है।


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