भाजपा को झटका, पिता की तस्वीर लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे दीपक जोशी, कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता

भाजपा को झटका, पिता की तस्वीर लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे दीपक जोशी, कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता
सेवढ़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल भी कांग्रेस में शामिल

भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी और सेवढ़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हेंपार्टी की सदस्यता दिलाई।

पूर्व मंत्री दीपक जोशी और भाजपा विधायक बघेल के एक साथ कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावी साल में दो बड़े और दिग्गज नेताओं का विपक्ष का हाथ थामना सत्ताधारी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उधर, कांग्रेस को आगामी चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।

सीएम पर लगाए आरोप -

भोपाल स्थित सरकारी आवास से अपने पिता की तस्वीर लेकर दीपक जोशी कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। यहां कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। उन्होंने शिवराज सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मेरी पत्नी को कोरोना हुआ तो उसे अस्पताल में भर्ती करना था। उस समय सरकार के निर्देश थे कि दीपक जोशी जी जो बोले, वह नहीं सुनना है। मुझे एंबुलेंस नहीं दी गई। इस कारण मेरी पत्नी की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि शिवराज जी भले मुझे छोटा भाई मानते हो लेकिन मैं उन्हें बड़ा भाई नहीं समझता।

भाजपा में बढ़ गया भ्रष्टाचार -


उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान समय में पार्टी अपनी जनसंघ के मूल विचार से दूर हो गई है। भाजपा के अंदर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई है। मेरे पास ईमानदारी के सिवा कुछ नहीं है। आज इसे कांग्रेस में लेकर जा रहा हूं। किसी भी तरह का कार्य हो, बिना पैसे लिए और दिए बिना नहीं हो रहा है, ऐसी भाजपा को आज मैं छोड़ रहा हूं।​​​​​​​ उन्होंने कहा कि वह देवास से चुनाव नहीं लड़ेंगे, यदि पार्टी कहेगी तो बुधनी से शिवराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

कौन है दीपक जोशी -


देवास जिले में भाजपा से तीन बार विधायक रहे दीपक जोशी अब कांग्रेस में शामिल हो गए। वे पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं और इनका परिवार जनसंघ के जमाने से एक ही विचारधारा में रहा है। भाजपा के टिकट पर दीपक जोशी 2000 में बागली, 2003 और 2008 में हाटपिपलिया से विधायक बने। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में 2008 के चुनाव के बाद वे राज्यमंत्री भी रहे।

हमीदिया कालेज में छात्र संघ अध्यक्ष रहे

दीपक जोशी ने बी. काम, एलएलबी किया है और इनका एक लघु उद्योग भी है। 13 जून, 1962 को जन्मे दीपक जोशी वर्ष 1983 से भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारी समिति के सदस्य रहे। हमीदिया कालेज भोपाल के छात्र संघ अध्यक्ष भी चुने गए। बरकतुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल की कार्यकारी परिषद के 1994 तक सदस्य थे। पूर्व में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। 2018 में कांग्रेस के मनोज चौधरी से हाटपिपलिया सीट से हारने के बाद भी वे क्षेत्र में सक्रिय रहे। मनोज चौधरी के सिंधिया के साथ भाजपा में आने और उपचुनाव में जीतने के बाद से दीपक जोशी पार्टी में हाशिये पर थे। हाटपिपलिया में उनके पिता कैलाश जोशी के स्मारक को लेकर सरकारी बेरुखी से वे खासे नाराज हैं। हर फोरम पर इसी बात को उठाने के बाद आखिरकार कांग्रेस का दामन थामने का फैसला उन्होंने किया।

कौन है राधेलाल बघेल

राधेलाल बघेल ने अपने चुनावी राजनीति की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की थी। वे 2008 में सेवड़ा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि, 2013 में वे भाजपा के प्रदीप अग्रवाल से चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। बघेल पूर्व में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थे। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर राधेलाल बघेल को मैदान में उतारा था लेकिन राधेलाल जीत नहीं पाए थे। हालांकि, 2022 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने दतिया से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। यह कार्रवाई उनके वायरल वीडियो को लेकर की गई थी, जिसमें वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते नजर आ रहे थे।

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