संडीला से भाजपा विधायक अलका सिंह अर्कवंशी की मुख्यमंत्री को लिखी गई चिट्ठी पते पर पहुंचने से पहले ही वायरल...

संडीला से भाजपा विधायक अलका सिंह अर्कवंशी की मुख्यमंत्री को लिखी गई चिट्ठी पते पर पहुंचने से पहले ही वायरल...
पालिकाध्यक्ष रईस करते हिन्दू बासितों में विकास कार्य में अनदेखी, हरदोई के संडीला से भाजपा विधायक अलका अर्कवंशी ने लिखी मुख्यमंत्री योगी को पाती, भाजपा विधायक की सीएम से मांग, हो संडीला पालिका का परिसीमन, विधानसभा में भी उठा चुकीं मुद्दा। पालिकाध्यक्ष रईस अंसारी ने तोहमत को बताया बेबुनियाद, बोले-हिन्दू बाहुल्य सभी वार्डों में सबसे ज्यादा काम।

हरदोई। संडीला से भाजपा विधायक अलका सिंह अर्कवंशी की मुख्यमंत्री को लिखी गई चिट्ठी ’पते’ पर पहुंचने से पहले ही वायरल हो गई है। विधायक के निशाने पर संडीला पालिका परिषद के अध्यक्ष रईस अंसारी हैं। विधायक की तोहमत है उन पर कि वह ऐसे वार्डों में विकास कार्य नहीं कराते, जो हिन्दू बस्तियों वाले हैं। विधायक ने अध्यक्ष पर मनमाना टैक्स और व्यापारियों से अवैध वसूली का आरोप भी लगाया है।

संडीला विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधायक अलका अर्कवंशी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दर्ज किया है, नगर पालिका परिषद संडीला का परिसीमन हो, क्योंकि क्षेत्र के हिन्दू समाज और व्यापारियों का बुरा हाल है। हिन्दू समाज के साथ नगर पालिका अध्यक्ष अंसारी भेदभाव करते हैं और बाहुल्य वाले वार्ड में सरकार के सम्पादित विकास कार्य तक नहीं होने दिया जा रहा है। हर साल हिन्दू समाज पर टैक्स लगाया जाता है। व्यापारियों से भी अवैध और मनमाना टैक्स वसूला जा रहा है। संडीला विधायक अलका अर्कवंशी ने नगर पालिका परिषद के परिसीमन की मांग की है।

संडीला पालिका परिषद के अध्यक्ष रईस अंसारी

7 टर्म से पब्लिक यूं ही नहीं मौका दे रही: इधर, संडीला पालिका परिषद के अध्यक्ष रईस अंसारी ने ’स्वदेश’ से कहा, विधायक के आरोप बेबुनियाद हैं। वो पहले भी सदन में इस मुद्दे को उछाल कर सरकार को गुमराह कर चुकी हैं। अंसारी ने बताया, वार्ड 9 के सभासद अजय द्विवेदी हैं, इनके वार्ड में सबसे ज्यादा काम हुआ। इसके बाद वार्ड 17 में काम हुआ, यहां की सभासद श्रीमती राम सिंह लोधी हैं। वार्ड 4 के सभासद बबलू जाटव हैं, यहां भी खूब काम हुआ। इसी तरह, वार्ड 3 में श्रीमती मनोज कनौजिया और वार्ड 1 में राहुल अर्कवंशी सभासद हैं, दोनों के वार्ड में जाकर सच्चाई देखी जा सकती है। रही बात परिसीमन की तो ये सतत प्रक्रिया है।

अंसारी कहते हैं, 4 मर्तबा चेयरमैन, 1 दफा वाइस चेयरमैन और 2 बार सभासद रहे, काम में भेदभाव किया होता तो 7 टर्म पब्लिक मौका नहीं देती। अंसारी दावा करते हैं, मुस्लिम से ज्यादा उन्हें हिन्दू वोट करते हैं, जबकि चुनाव में हम नाममात्र को जनसम्पर्क करते हैं और कभी चुनाव कार्यालय नहीं खोलते।

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