स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यूपी सरकार की छवि को लगा रहे पलीता, बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने खोली पोल
लखनऊ: पूरे विश्व में करोना नामक बीमारी ने हाहाकार मचा रखा है लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ का हाल सबसे बुरा है। अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं, जनता को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। यह कहना है राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज क्षेत्र से भाजपा सांसद कौशल किशोर का।
उन्होंने गुरुवार को राजधानी के कोरोना अस्पतालों घोषित वार्डों में खाली बेड की तस्वीरें जारी कर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है।
सांसद कौशल किशोर ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पूरे चरण पर है। सरकार की तरफ से जो भी इंतजाम किए गए थे वह पर्याप्त नहीं है। जिला प्रशासन के जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं, उनके फोन नंबर बंद हैं। जनता को ऑक्सीजन मिल रही है न ही दवाइयां। स्थिति इतनी भयावह है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों ने मरीजों को लेने से मना कर दिया है।
सांसद कौशल किशोर फिर एक बार चर्चा में हैं। करोना महामारी के द्वितीय चरण के प्रारंभ होते ही सांसद कौशल किशोर ने लापरवाह अधिकारियों को घेरना शुरू कर दिया है। सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर केजीएमयू एवं बलरामपुर अस्पताल में खाली पड़े सर्व सुविधा युक्त बेड की जानकारी दी। उनसे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई की बात कही।
उन्होंने बताया है कि सरकार और उसके मुखिया योगी आदित्यनाथ की छवि को बदनाम करने के लिए अधिकारी विपक्षी पार्टियों के नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। यह गंभीर मामला है, इसकी गोपनीय जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
इसी क्रम में सांसद कौशल किशोर ने गुरुवार को एक बार फिर से केजीएमयू एवं बलरामपुर अस्पताल में खाली पड़े वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजनयुक्त बेड की फोटो जारी कर विभागीय अधिकारियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल करने का गंभीर आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि जनता सड़क पर मरने को मजबूर है और कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो लगातार सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुछ ऐसे लापरवाह अधिकारी हैं जो जनता की सुविधा का ख्याल नहीं रख रहे हैं। मगर उन्होंने मुख्यमंत्री से पुनः आग्रह किया है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ गोपनीय जांच कराकर इनके खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
आपको बता दें कि सांसद कौशल किशोर ने सोमवार को भी ट्विटर एवं फेसबुक के माध्यम से सरकार से अपील की थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि केजीएमयू में सैकड़ों ऑक्सीजन युक्त बेड खाली पड़े हैं। इन पर मरीजों की भर्ती नहीं की गई है, जबकि पूरा केजीएमयू कोविड-19 हॉस्पिटल घोषित किया गया है।
बलरामपुर अस्पताल में लगभग 20 वेंटीलेटर हैं, जिसमें से केवल पांच काम कर रहे हैं। बाकी को चालू नहीं किया गया, जबकि एडमिट होने वाले मरीज परेशान हैं। इन अस्पतालों की लापरवाही के चलते सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है। ऐसा लगता है कि जान-बूझकर सरकार की छवि धूमिल की जा रही है। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि इसकी जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।