भाजपा अध्यक्ष नड्डा पहुंचे बंगाल, कहा - कार्यकर्ताओं की शहादत बेकार नहीं जाएगी
नईदिल्ली। चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या और प्रताड़ना के दौर के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने बंगाल पहुंचे। उन्होंने ममता और तृणमूल पर करोन प्रहार किए।यहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बार फिर दोहराया है कि ममता, भाजपा को नहीं रोक सकती हैं। हिंसा के जरिए भाजपा को रोकने की कोशिश ममता बनर्जी कर रही हैं लेकिन इसमें वह सफल नहीं होंगी। नड्डा आज दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर में हिंसा के शिकार भाजपा कार्यकर्ता हारण अधिकारी के घर पर भी गए। उन्होंने मृतक कार्यकर्ता के परिवार के लोगों को सांत्वना देते हुए कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता उनके साथ है।
जेपी नड्डा ने कहा कि रविवार शाम पांच बजे परिणाम घोषित होने के बाद शाम को तृणमूल के लोग भाजपा कार्यकर्ता हरण अधिकारी के घर में घुस गए और तोड़फोड़ की। उन लोगों ने महिलाओं और बच्चों को भी धमकाया। उन पर अटैक किया। उसकी पत्नी के दांत तोड़ दिए। गुंडों ने हरण की पीट -पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने कहा, "ममताजी चुनाव जीतने के बाद आपकी पार्टी ने जो तांडव किया है, वह बताता है कि आपको प्रजातंत्र पर कितना विश्वास है।उन्होंने कहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता और उनके समर्थक कह रहे हैं कि यह घटना फेक है। भाजपा ने राज्य में तानाशाही होने को कहा था वह आज दिख रहा है। ये सभी तोलाबाजी के ही सदस्य हैं। उनको भय था कि अगर भाजपा आयेगी तो उनका दाना-पानी समाप्त होगा और तोलाबाजी और तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। हिंसी की घटनाओं में एक भी व्यक्ति का गिरफ्तार न होना बताता यहां की कानून व्यवस्था कैसी है।
पीड़ित कार्यकर्ता के घर जाएंगे भाजपा नेता -
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता प्रताड़ना के शिकार सभी कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे। परिवार को ढांढस देंगे। न्याय की लड़ाई में और बंगाल में न्याय स्थापित करने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हम प्रजातांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगे। ममता में वह ताकत नहीं है कि वह भाजपा को रोक सके। क्या यही बंगाल की संस्कृति है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही राज्यभर में भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा का आरोप है कि कार्यकर्ताओं की हत्या, उनके घर और दफ्तरों पर हमले, आगजनी, लूटपाट करने में तृणमूल के कार्यकर्ता शामिल हैं।