मोदी कैबिनेट ने दी NPR को मंजूरी, 8500 करोड़ का फंड जारी
नईदिल्ली/वेब डेस्क। देशभर में नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर मचे घमाशान के बीच अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एनपीआर को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस बार एनपीआर के लिए आंकड़े इकट्ठा करने का काम 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगा और 30 सितंबर तक किया जाएगा।
बता दें कि एनपीआर की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। उस समय इसको लेकर राज्य सरकारों में मतभेद थे जिसके बाद बंगाल और केरल सरकार अपने यहां एनपीआर के लिए जारी प्रक्रिया को स्थगित करने का फैसला लिया था। एनपीआर के बारे में आपको बता दें कि ये वो रजिस्टर है जिसमें देश में रहने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी होगी। इसमें देश के निवासियों से जुड़ी हर तरह की जानकारी होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को अद्यतन करने के लिए 8,500 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई ।
क्या है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर - एनपीआर ?
NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है। इस प्रक्रिया के तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड (आधार के आंकडें) लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी इसमें दर्ज की जाएगी। देश में जो निवासी छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अत्यंत अनिवार्य हो जाएगा।
अधिनियम के अनुसार सरकार इसको राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।
देश में एनपीआर तीन चरणों में होगा
- पहला चरण : एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे।
- दूसरा चरण : 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा।
- तीसरा चरण : इस चरण में जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।