CBI का दावा, नंबी नारायण के खिलाफ जासूसी का आरोप, अंतर्राष्ट्रीय साजिश थी

CBI का दावा, नंबी नारायण के खिलाफ जासूसी का आरोप, अंतर्राष्ट्रीय साजिश थी
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जिस समय ये साजिश रची गई उस दौरान नंबी नारायण इसरो में लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक थे

नईदिल्ली। 1994 में इसरो में हुए जासूसी कांड को लेकर सीबीआई ने बड़ा दावा किया है। सीबीआई ने केरल हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया है की इस मामले में एयरोस्पेस वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि वैज्ञानिक जानकारी लीक होने का आधार मनगढ़ंत था। इसे लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले है। सीबीआई ने कहा की एक मनगढ़ंत केस बनाकर वैज्ञानिक के खिलाफ साजिश रची गई है। बता दें कि इसरो जासूसी कांड में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था।

दरअसल, केरल हाईकोर्ट में इसरो जासूसी कांड में लंबी नारायण के खिलाफ साजिश रचने वालों की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस दौरान सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि नंबी नारायण को फंसाना एक आपराधिक साजिश है। इस मामले की तह तक जाने के लिए आरोपियों से पूछताछ जरुरी है। ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

ये है आरोप -

बता दें की जिस समय ये साजिश रची गई उस दौरान नंबी नारायण इसरो में लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक थे। उस समय उन पर आरोप लगा था की उन्होंने क्रायोजेनिक इंजन तकनीक एक मालदीव की नागरिक रशीदा के द्वारा पाकिस्तान को बेची थी। इस मामले में इसरो के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फौजिया हसन को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि जांच के बाद वह निर्दोष पाए गए थे। उन्होंने जेल से बाहर आने के बाद इस संबंध में एक किताब भी लिखी थी। जिसमें दावा किया था कि अमेरिकी खूफिया एजेंसी सीआईए ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को रोकने के लिए साजिश रची थी, जिसमें उन्हें फंसाया गया।

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