कूनो से फिर आई बुरी खबर, 9वें चीते की मौत, नामीबिया से लाई गई थी धात्री
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By - स्वदेश डेस्क |2 Aug 2023 2:43 PM IST
चार महीने में 9 चीतों ने तोड़ा दम
श्योपुर। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के पुनर्वास की योजना को आज एक और बड़ा झटका लगा है। यहां आज बुधवार को एक और चीते की मौत की खबर सामने आई है। जिसके बाद वन विभाग के अमले में हलचल मच गई है। पिछले 9 महीनों में चार चीतों की मौत हो चुकी है। कूनो पार्क में अब कुल 14 चीते और एक शावक बचे हैं।
जानकारी के अनुसार, मृतक मादा चीता तब्लिशि दो दिनों से लापता थी। रेस्क्यू टीम पिछले दो दिनों से लगातार तलाश कर रही थी। आज सुबह कूनो नेशनल पार्क के बाहरी तरफ तिब्लिसी (धात्री) की लाश बरामद की गई। प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट असीम श्रीवास्तव ने मादा चीता के मरने की पुष्टि की है। फिलहाल इसकी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। नेशनल पार्क प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिए है। इसे भी नामीबिया से लाकर इस पार्क में छोड़ा गया था।
कब-कब हुई चीतों की मौत
- पहली मौत 26 मार्च 2023 मादा चीता साशा को किडनी इन्फेक्शन हुआ और मौत हो गई। 22-23 जनवरी को ही इसके बीमार होने का पता चला था, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल पाया। वन विभाग ने तर्क दिया कि भारत आने से पहले ही 15 अगस्त 2022 को ही नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रिएटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था।
- दूसरी मौत 23 अप्रैल 2023 नर चीता उदय की मौत को लेकर वन विभाग ने दावा किया कि वो पहले से ही बीमार था। मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने की वजह से हुई।
- तीसरी मौत 9 मई को मादा चीता दक्षा को बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दक्षा घायल हो गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
- चौथी मौत 23 मई 2023 नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी को वजह बताया गया।
- पांचवीं और छठवीं मौत 25 मई 2023 ज्वाला के दो और शावकों की मौत। अधिक तापमान और लू के चलते तबीयत खराब होने की बात सामने आई। फिर दोनों की मौत हो गई।
- सातवीं मौत 11 जुलाई 2023 साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीते तेजस को लेकर वन विभाग ने कहा कि उसकी मौत गर्दन पर चोट और इन्फेक्शन से हुई। बाद में पीसीसीएफ जेएस चौहान ने मीडिया को बताया कि कॉलर आईडी की वजह से गले में इन्फेक्शन हुआ था।
- आठवीं मौत 14 जुलाई 2023 साउथ अफ्रीका से लाए गए एक और नर चीते सूरज की मौत पर वन विभाग का कहना था कि मौत की वजह गर्दन और पीठ पर घाव होना है। बाद में मौत की वजह कॉलर आईडी को ही बताया गया।
- नवीं मौत 2 अगस्त को मादा चीता तिब्लिसी (धात्री) की गई।
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