कानपुर का नाम मेट्रो शहर में दर्ज, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने दिखाई हरी झंडी
कानपुर। केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना कानपुर मेट्रो की सौगात जल्द ही जनता को मिलने जा रही है। नौ किम के प्रथम चरण के ट्रैक पर मंगलवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर इसके ट्रायल रन की विधिवत शुरूआत की। उन्होंने ट्रायल रन का शुभारंभ करने के साथ ही मेट्रो में पहले यात्री के रूप में सफर कर कीर्तिमान भी बनाया है। मेट्रो का ट्रायल रन शुरू होते ही अब कानपुर का नाम भी 114 साल के बाद ट्राम से मेट्रो शहरों में शुमार हो गया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कानपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के सपने को आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक नगरी पहुंचकर बटन दबाकर साकार कर दिया। विधि—विधान के साथ मेट्रो ट्रेन के प्रथम चरण के नौ किमी0 लम्बे आईआईटी से मोतीझील तक के ट्रैक पर ट्रायल रन शुरू हो गया। खुद मुख्यमंत्री ने ट्रायल रन की शुरूआत करते हुए अत्याधुनिक तकनीक से लैस मेट्रो ट्रेन में सफर किया और पहले यात्री के रूप में रिकार्ड अपने नाम कायम कर लिया।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवम्बर, 2019 को कानपुर में मेट्रो ट्रेन निर्माण की प्रथम चरण के आईआईटी से मोतीझील तक के सेक्शन पर निर्माण कार्यों का उद्घाटन किया था। इस सेक्शन का काम पूरा करने के लिए उन्होंने दो साल का समय निर्धारित किया था। इस बीच कोविड की चुनौती को पार करते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के नेतृत्व में बेहद गुणवत्तापूर्ण व मनाकों के अनुरूप मेट्रो ट्रैक व अन्य निर्माण कार्य को समय से पांच दिन पूर्व पूर्ण कर लिया गया।
प्रथम चरण के ट्रैक पर विधिवत ट्रायल -
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि बुधवार से औपचारिक रूप से कानपुर मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन पर ट्रायल्स की शुरुआत होगी। बताया कि कानपुर में आईआईटी से मोतीझील के बीच निर्मित 09 किमी. लम्बा प्राथमिक सेक्शन दो साल से भी कम समय में बनकर, ट्रायल के लिए तैयार हुआ है और जल्द ही इस पर यात्री सेवाओं का भी शुभारंभ किया जाएगा।
आरडीएसओ छह हफ्ते तक करेगा मेट्रो ट्रेन का ट्रायल -
मुख्यतः, रिसर्च डिजाइन ऐंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा लगभग छह हफ्तों तक मेट्रो ट्रेन के साथ ट्रायल किया जाएगा। जिसके अंतर्गत ट्रेन के सस्पेंशन, परिचालन के दौरान ट्रेन बॉडी में आने वाले वाइब्रेशन, ब्रेक्स और गति आदि के संबंध में विभिन्न परीक्षण किए जाएंगे। आरडीएसओ के परीक्षण पूरे होने के बाद मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से अनुमोदन प्राप्त कर, मेट्रो की यात्री सेवाओं को जल्द ही आम जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।