चीन ने गलवान घाटी में फहराया झंडा, सेना ने बताया झूठ, जानिए क्या है सच्चाई

चीन ने गलवान घाटी में फहराया झंडा, सेना ने बताया झूठ, जानिए क्या है सच्चाई
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नईदिल्ली। नए साल के मौके पर पहली बार भारत-चीन की सेनाओं के बीच एक-दूसरे को मिठाई और गिफ्ट देने की परंपरा शुरू की लेकिन 24 घंटे के भीतर ही चीन ने एक बार फिर से प्रोपेगेंडा वार के जरिए भारत को उकसाने की कोशिश की है। वीडियो के माध्यम से चीन यह साबित करने की कोशिश में जुटा है कि उसने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में फहराया जबकि सेना के सूत्रों ने इससे इनकार किया है।

गलवान घाटी की हिंसा के बाद पहली बार शनिवार को नए साल के मौके पर भारत और चीन की सेनाओं ने एलएसी के कुल 10 जगहों पर एक-दूसरे को मिठाई और गिफ्ट देकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। दोनों देशों की सेनाओं के फील्ड कमांडर्स ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के काराकोरम दर्रा, डीबीओ, चुशूल, डेमचोक, हॉट स्प्रिंग, बोटलनैक और कोंगराला एरिया सहित कुल सात जगहों पर मुलाकात की। इसके अलावा सिक्किम के नाथू ला सेक्टर और अरुणाचल प्रदेश के बूमला और वचाई-दमाई में भी भारत और चीन के सैनिकों ने एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दी और उपहारों का आदान-प्रदान किया।

चीन ने 15 स्थानों के बदले नाम -

भारतीय सेना ने नए साल के मौके पर एलएसी पर चीनी सेना के साथ हुई मीटिंग और उपहारों की तस्वीरें भी जारी की हैं। तस्वीरों में दोनों देशों की सेनाएं चेहरे पर मास्क और पीपीई किट पहने हुए दिखाई पड़ रहे हैं। हॉट स्प्रिंग में तो दोनों देशों के सैनिक एक छोटे से नाले पर लैडर-नुमा अस्थाई पुल पर चढ़कर एक दूसरे को मिठाई और उपहार देते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, पूर्वी लद्दाख में कई ऐसे विवादित इलाके हैं, जहां अभी दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी चल रही है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ 20 माह से चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य पर अपने दावे को पुष्ट करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के नाम बदल दिए हैं, जिसे भारत ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है।

20 भारतीय जवान हुए थे शहीद -

नए साल के मौके पर मिठाई और गिफ्ट देने के 24 घंटे के भीतर ही चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में अपना झंडा फहराकर मिठाई और गिफ्ट वाली 'दोस्ती' को झुठला दिया है। वायरल किये गए वीडियो में चीन ने एक बार फिर से प्रोपेगेंडा वार के जरिए भारत को उकसाने की कोशिश की है। चीन का यह राष्ट्रीय ध्वज बहुत खास है, क्योंकि यह एक बार बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर के ऊपर से फहराया गया था। वीडियो के माध्यम से चीन यह साबित करने की कोशिश में जुटा है कि उसने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में फहराया जबकि भारतीय सेना के सूत्रों ने इससे इनकार किया है। यह वही इलाका है जहां 15/16 जून, 2020 को भारत व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे।

सेना ने दी सफाई -

सेना के सूत्रों का कहना है कि नए साल के मौके पर चीन ने यह झंडा गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र में नहीं बल्कि अपने गैर विवादित हिस्से में गलवान नदी के उस मोड़ के पास फहराया है, जहां पर भारत-चीन सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था। जून में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाएं दो-दो किमी पीछे हटने को तैयार हो गई थीं। इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच वार्ता भी हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के विवादित क्षेत्र से दो-दो किमी. पीछे हटने की पुष्टि भी हुई थी।

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