जेल की दीवारों ने मेरी हिम्मत बढ़ा दी 100 गुना, तिहाड़ जेल से बाहर आकर BJP पर बरसे सीएम केजरीवाल
Arvind Kejriwal
CM Arvind Kejriwal Statement : जेल की दीवारों ने मेरी हिम्मत 100 गुना बढ़ा दी है। मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है। मेरे खून की हर बूंद मेरे देश के लिए समर्पित है। भगवान ने हमेशा मेरा साथ दिया है। भगवान ने मेरा साथ क्यों दिया? क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था, मैंने लोगों की सेवा की, मैंने देश के लिए लड़ाई लड़ी, इसलिए भगवान मेरे साथ हैं। ये बात दिल्ली केमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवालने शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बहार आने के बाद दिल्ली में आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुए कही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी रिहाई लाखों लोगों की दुआओं के कारण संभव हुई है। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने बीजेपी सरकार पर भी हमलावर हुए।
बीजेपी को केजरीवाल का मजबूत जवाब
केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जेल में डालने का प्रयास किया ताकि उनके हौसले को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा, "जेल की मोटी-मोटी दीवारें और सलाखें मेरे हौसले को कमजोर नहीं कर सकतीं।" केजरीवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी ताकत और आत्मविश्वास पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है।
भगवान से प्रार्थना देश सेवा की अपील
केजरीवाल ने कहा कि वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जैसे उन्हें अब तक ताकत मिली है, वैसे ही आगे भी भगवान उन्हें रास्ता दिखाते रहें। उनका कहना था कि वे जीवन भर राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ते रहेंगे, जो देश को बांटने और कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने किया स्वागत
केजरीवाल की रिहाई के दिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता जेल के बाहर उनका स्वागत करने के लिए मौजूद थे। भगवंत मान और मनीष सिसोदिया ने बारिश के बीच ट्रक के ऊपर चढ़कर "जेल के ताले टूट गए, केजरीवाल छूट गए" और "भ्रष्टाचार का एक ही काल केजरीवाल, केजरीवाल" नारे लगाए। रिहाई के बाद केजरीवाल ने बारिश में भीगते हुए अपने समर्थकों को संबोधित किया।
कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत के लिए कई शर्तें लगाई हैं, जो पहले के ईडी केस में लागू की गई थीं:
- केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकेंगे जब तक यह अनिवार्य न हो।
- उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय जाने की अनुमति नहीं होगी।
- इस मामले में कोई बयान या टिप्पणी नहीं कर सकते।
- गवाहों से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं कर सकते।
- इस केस से संबंधित किसी भी आधिकारिक फाइल को नहीं देख सकते या मंगा नहीं सकते।
- उन्हें आवश्यकता पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा।
- 10 लाख रुपये का बेड बॉन्ड भरना होगा।