राज्यपाल को 'बहुमत' दिखाने के लिए निकले मुख्यमंत्री गहलोत
जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट से सचिन पायलट गुट को राहत मिलने के बाद जयपुर के होटल फेयरमाउंट के बाहर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने आकर राज्यपाल पर आरोप लगाए हैं कि वह ऊपर से दबाव की वजह से विधानभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। अशोक गहलोत अपने खेमे के विधायकों को लेकर राजभवन जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा, ''हमने माननीय राज्यपाल महोदय को कल पत्र भेजकर अपील की कि हम विधानसभा का सत्र बुलाएं और कोरोना सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करें। हमें उम्मीद थी की वह रात में ही आदेश जारी कर देंगे, लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है। हमें लगता है कि ऊपर से दबाव की वजह से वह विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं। हमें इस बात का दुख है।''
गहलोत ने आगे कहा एक तरफ तो विपक्ष की तरफ से भी मांग की जा रही थी कि फ्लोर पर क्यों नहीं आ रहे हैं। राजस्थान की जनता देख रही है कि क्या हो रहा है। दुख इस बात है कि गवर्नर साहब ने अभी तक फैसला नहीं किया है। अभी फिर उनसे फोन पर बात नहीं हुई है। आपके पद की गरिमा बनाएं रखें। हमारे सभी विधायक उनसे जाकर मांग करेंगे। विधानसभा के पटल पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
गहलोत ने कहा मैं बार-बार कह रहा हूं कि हमारे पास स्पष्ट बहुमत है। चिंता उन्हें होनी चाहिए। हरियाणा में हमारे साथियों को बीजेपी की देखरेख में बंधक बनाकर रखा गया है। हो सकता है कि बाउंसर, पुलिस...उनके फोन छीन लिए हैं। वह रो रहे हैं। इसकी परवाह केंद्र सरकार को नहीं है क्या। यह पूरा खेल बीजेपी और उनके नेताओं का षड्यंत्र है जैसे उन्होंने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में किया, राजस्थान में भी करना चाहते हैं। राजस्थान में पूरी जनता और विधायक हमारे साथ है।
गहलोत ने कहा कि अभी कोरोना से लड़ने का वक्त है। हमने शानदार काम किया, पूरे देश में तारीफ हो रही है। ऐसे माहौल में सरकार को गिराने के लिए बीजेपी की भूमिका को आप देख सकते हैं। इनकम टैक्स, ईडी के छापे...ऐसा नंगा नाच देखा नहीं कभी, जैसा अभी हो रहा है। हम अभी आ रहे हैं राज्यपाल के पास उनके अपील करने के लिए कि किसी के दबाव में ना आएं। वर्ना हो सकता है कि पूरे राज्य की जनता राजभवन को घेर लेगी, हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के नतीजे के बाद गहलोत पर उनके विधायकों ने जल्द बहुमत परीक्षण को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। विधायकों का कहना है कि वे कब तक इस तरह होटल में बंद रहेंगे। अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात के लिए समय मांगा था। राजभवन ने 12:30 पर मिलने का समय दिया था, लेकिन गहलोत ने निकलने में देरी को लेकर राजभवन को सूचना भेजी है।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बर्खास्त उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों द्वारा अयोग्यता के मुद्दे पर दायर याचिका में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग शुक्रवार को स्वीकार कर ली। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा गुरुवार को दायर याचिका को मंजूर कर लिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है। अशोक गहलोत ने पिछले दिनों पायलट के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और आरोप लगाया कि पायलट उनकी सरकार गिराना चाहते हैं।