जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल, दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर लगाई रोक

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मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।

दिल्ली। हाई कोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके बाद अब केजरीवाल को अब जेल से बाहर आने के लिए कुछ देर और इन्तजार करना होगा। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

हाई कोर्ट में जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'ट्रायल कोर्ट द्वारा यह टिप्पणी कि बहुत दस्तावेजों पर विचार नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से अनुचित है और यह बताता है कि ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों पर अपना दिमाग नहीं लगाया है। न्यायालय को ईडी को जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए।'

'एक मजबूत तर्क था कि निचली अदालत द्वारा धारा 45 पीएमएलए की दोहरी शर्त पर विचार-विमर्श नहीं किया गया था। इस न्यायालय का मानना ​​है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा धारा 45 पीएमएलए पर उचित रूप से चर्चा नहीं की गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एएसजी ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के पैरा 27 का उल्लेख किया, जहां न्यायाधीश ने ईडी द्वारा दुर्भावना के बारे में बात की है। लेकिन इस न्यायालय का मानना ​​है कि ईडी की ओर से कोई दुर्भावना नहीं थी।'

'ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं देना चाहिए था जो उच्च न्यायालय के निष्कर्ष के विपरीत हो। ट्रायल कोर्ट ने धारा 70 पीएमएलए के तर्क पर भी विचार नहीं किया है। हाई कोर्ट का यह भी मानना ​​है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा के लिए जमानत दी है। एक बार जब गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई तो यह नहीं कहा जा सकता कि कानून का उल्लंघन करके उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया।'

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