योगी आदित्यनाथ ने आशा बहुओं को बांटे मोबाइल, मानदेय बढ़ाने का किया एलान

योगी आदित्यनाथ ने आशा बहुओं को बांटे मोबाइल, मानदेय बढ़ाने का किया एलान
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां आशा सम्मेलन में 80 हजार आशा बहनों को स्मार्ट वितरित किया। दूसरे चरण में 80 हजार आशाओं को फोन दिया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आशा एवं आशा संगिनी का मानदेय 750 रुपये प्रति माह बढ़ाने का एलान किया है। इससे अब आशा बहनों को प्रति माह छह हजार रुपये मिलेंगे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कहा कि आशा बहनों को शिकायत रहती थी कि हम लोग मेहनत करते हैं लेकिन हमारे पास कोई सुविधा नहीं है जिससे वह अपनी उपलब्धियों को शासन तक पहुंचा सकें। स्मार्ट फोन मिलने से उनकी यह समस्या समाप्त हो जाएगी। सरकार से भी सीधे जुड़ सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केन्द्र के संयुक्त प्रयास से 80 हजार आशा बहनों को स्मार्ट फोन वितरित किया जा रहा है। 80 हजार फोन दूसरे चरण में वितरित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी आशा बहने हैं। कोरोना काल में डोर टू डोर किट वितरण करने, स्क्रीनिंग का कार्य करने में इनकी भूमिका सराहनीय रही है। कोरोना वॉरियर के रूप में आशाओं की बेहतरीन भूमिका रही। आशा बहनों की मेहनत का परिणाम था कि उप्र को देश और दुनिया सराहना मिली।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख 56 हजार हजार से अधिक आशा बहने हैं। बच्चों के टीकाकरण से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्य में आशा बहने जुड़ी हैं। उप्र के बारे में हमेशा चर्चा रहती थी कि मातृ शिशु मृत्यु दर कैसे कम होगी। सबके मेहनता का ही परिणाम है कि आज स्वास्थ्य विभाग बेहतरीन कार्य कर रहा है। आंकड़े बताते हैं कि अब उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार हुआ है। माताओं, बहनों के टीकाकरण में भी सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का पहला मामला आया तब प्रदेश के 36 जिलों में एक भी आईसीयू के बेड नहीं थे। आज हर जिले में आइसीयू बेड हैं और प्रशिक्षित स्टाफ हैं। उप्र में 551 आक्सीजन प्लांट लग गया है। हर जिले में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मौजूद है। प्रदेश में पिछले दिनों एक साथ पांच हजार स्वास्थ्य केन्द्रों का शुभारम्भ किया गया है। आशा बहनों की भूमिका में कोई संदेह नहीं है।

कोरोना काल में अच्छा कार्य करने वाले आशा और आशा संगिनी को 500 रुपये अतिरिक्त उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही आशा और आशा संगिनी को केन्द्र सरकार द्वारा दो हजार रुपये प्रति माह और राज्य सरकार 750 रुपये प्रति माह दिया जाता था। अन्य प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। सब मिलाकर आशाओं को 5300 रुपये मानदेय मिलते थे। राज्य सरकार ने 750 से बढ़ाकर 1500 रुपये किया। इससे आशा बहनों को छह हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे।

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