अनुराग ठाकुर ने चिदंबरम को दिया जवाब, कहा - कांग्रेस का काम आंकड़ों की हेराफेरी से सनसनी फैलाना

अनुराग ठाकुर ने चिदंबरम को दिया जवाब, कहा - कांग्रेस का काम आंकड़ों की हेराफेरी से सनसनी फैलाना
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नईदिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यूपीए क़ालीन पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के तथ्यहीन बयानों का एक स्पष्ट और तथ्यात्मक खंडन किया है। ठाकुर ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और आने वाले समय में लगातार सुधारों के आधार पर पलटाव करेगी। वैश्विक आपदा के दौर में यह कठिन समय ज़रूर है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अब भी काफ़ी मज़बूत बनी हुई है। मुझे आश्चर्य नहीं कि क्यों पूर्व वित्त मंत्री ने कठिन आंकड़ों को नजरअंदाज करना चुना और इसकी बजाय वो 'व्हाटअबाउटरी' के साथ आगे बढ़े, क्योंकि सदा ही कांग्रेस नेतृत्व ने इस अनजान दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसे अपना हथियार बनाया है।"

उन्होंने कहा, "लगातार सुधारों और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों ने यह सुनिश्चित किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भारत को 24.4% के संकुचन से वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"

चिदंबरम द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के निराशाजनक पूर्वानुमान के मुद्दे पर ठाकुर ने कहा, "आप भारतीय उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और एमएसएमई को खुद को पुनर्जीवित करने की क्षमता पर संदेह करते हैं जबकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की विकास दर को वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5% ​​​​बढ़ने का अनुमान लगाया है, जिससे हम अनुमानित दोहरे अंकों की वृद्धि करने वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था बने हैं।"

भारतीय अर्थव्यवस्था अलग-थलग द्वीप है

ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से सवाल करते हुए पूछा, "क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अलग-थलग द्वीप है; क्या इस महामारी में विश्व की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जीडीपी संकुचन का सामना नहीं करना पड़ा है? "ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से अपनी निराशा और कयामत के दिन की भविष्यवाणी की आभासी दुनिया से बाहर आने को कहा है। यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन ने जान बचाई, धीरे-धीरे अनलॉक ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की हरी झंडी दी।

1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह -

ठाकुर ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में रिकॉर्ड 1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह अब तक का सबसे अधिक इसकी पुष्टि करता है। हमने यात्री वाहनों की बिक्री, दोपहिया वाहनों की बिक्री, तेल की खपत, इस्पात उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सहित अन्य क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की। हाई-फ़्रीक्वेंसी मासिक कोर सेक्टर डेटा से यह भी पता चलता है कि 8 प्रमुख उद्योगों में रिबाउंड देखा गया था। आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक मार्च 2021 में 11.4% और अप्रैल 2021 में एक चौंका देने वाला 56.1% बढ़ा।

नकद हस्तांतरण के मुद्दे पर, जिस पर चिदंबरम ने दावा किया था कि ऐसा नहीं हुआ था और इसे शुरू किया जाना चाहिए, इस पर ठाकुर ने तथ्यों को इस प्रकार बताते हुए उनका खंडन किया। एनडीए कार्यकाल 2014-19 के दौरान, सरकार ने यूपीए कार्यकाल 2009-14 के दौरान गेहूं और चावल की खरीद पर 8 लाख करोड़ रुपये बनाम 3.74 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया। मोदी सरकार ने 2009-14 में यूपीए के कार्यकाल के दौरान खरीदी गई दाल की तुलना में एमएसपी पर 74 गुना अधिक दाल खरीदी।एनडीए सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 306.9 मिलियन टन धान और 162.7 मिलियन टन गेहूं की खरीद की, जबकि यूपीए के कार्यकाल में 2009-13 की अवधि में केवल 176.8 मिलियन टन धान और 139.5 मिलियन टन गेहूं की खरीद की गई थी।

किसानों को गुमराह किया -

ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों को गुमराह किया और विरोध प्रदर्शन में लगे रहे। आज किसान खुश हैं और यहाँ भी कांग्रेस का झूठ बेनक़ाब हो गया है। भारत ने अब तक की सबसे अधिक गेहूं खरीद 405 लाख एलएमटी दर्ज की है जो आरएमएस 2020-21 में 390 एलएमटी से 4% अधिक है। केएमएस 2020-21 के दौरान धान की खरीद 789 एलएमटी के उच्च स्तर को छू गई। इसके अलावा, डीबीटी के माध्यम से पीएमकिसान की 8वीं किस्त के रूप में सीधा किसानों को उनके खाते में 19,000 करोड़ रुपये डाले गये।

ठाकुर ने आगे कहा, "क्या यह किसान को "हाथ में नकदी" नहीं देता है? ठाकुर ने चिदम्बरम से पूछा कि एक ओर तो वह "नकद हस्तांतरण" चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर यूपीए ने अपने कार्यकाल के दौरान गरीबों के लिए कितने बैंक खाते खोले? मोदी सरकार ने 42 करोड़ जन धन खाता खोलकर सिस्टम में लीकेज को रोक दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर रुपया सीधा पात्र लाभार्थी तक तेजी से पहुंचे। यहां तक ​​कि प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से कोराेना महामारी के दौरान भी इसने लाखों लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की है"।

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