मनीष तिवारी ने मनमोहन सरकार पर लगाए आरोप, 26/11 हमले के बाद पाक पर कार्यवाही ना करना बताया कमजोरी
नईदिल्ली। देश भर में सिमटती जा रही कांग्रेस के अंदर समस्या खत्म नहीं हो रही है। कांग्रेस के हाशिए पर पहुंचने के साथ अब अपने नेताओं ने घेरना शुरू कर दिया है। जी-23 नेताओं के गुट में शामिल रहे मनीष तिवारी ने अब अपनी ही पार्टी पर किताब के जरिए हमला बोला है।
While complimenting @OfficeofPPC for his leadership of the Joint Committee of Parliament on Data Protection, I was constrained to submit a Dissent note 👇🏾as I do not agree with the Fundamental design and Construction of the bill.
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 23, 2021
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दरअसल, उन्होंने एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई नहीं करने के लिए मनमोहन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी तरह का एक्शन न लेने को UPA सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी बताया है। तिवारी ने लिखा है, "एक समय आता है जब कार्रवाई को शब्दों से अधिक जोर से बोलना चाहिए। 26/11 एक ऐसा समय था जब इसे किया जाना चाहिए था। इसलिए, मेरा मानना है कि भारत को भारतीय 9/11 के बाद के कुछ दिनों में त्वरित प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।"
पिछले दो दशकों के दौरान सुरक्षा स्थिति को प्रभावित करने वाले घटनाक्रमों पर विचार करती मनीष तिवारी की पुस्तक '10 फ्लैशप्वाइंट इन 20 ईयरस' 2 दिसंबर को रिलीज होने की तैयारी में है। मनीष तिवारी ने ट्वीट कर अपनी पुस्तक के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी चौथी पुस्तक शीघ्र ही बाजार में आएगी - '10 फ्लैश प्वाइंट; 20 साल - राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थितियां जिसने भारत को प्रभावित किया'। यह पुस्तक पिछले दो दशकों में भारत द्वारा सामना की गई प्रत्येक प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती का वस्तुपरक रूप से वर्णन करती है।
उल्लेखनीय है कि 2008 में मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने तीन दिनों तक आर्थिक राजधानी को एक तरह से होस्टेज बना दिया था। तीन दिनों के दौरान इन आतंकियों ने 160 लोगों को मारा था।