JPNIC: जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण को लेकर विवाद, बैरिकेड पर चढ़े सपा कार्यकर्ता
जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण को लेकर विवाद
उत्तरप्रदेश। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आवास के बाहर लगाए गए बैरिकेड्स को लांघकर आगे बढ़ गए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज जयप्रकाश नारायण की जयंती पर गोमती नगर स्थित जेपीएनआईसी का दौरा करने वाले हैं। इसके पहले यहां का माहौल गरमाया हुआ है। कई पुलिस वाले अखिलेश यादव के घर के बाहर तैनात हैं।
यूपी एलओपी और एसपी विधायक माता प्रसाद पांडे भी मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि, "वे (बीजेपी) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं... जय प्रकाश नारायण एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिनका हर राजनीतिक दल सम्मान करता था। इसलिए, आज उनकी जयंती पर, हम उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं। पिछली बार भी उन्हें रोका गया था लेकिन उन्होंने बैरिकेड पार कर प्रतिमा पर माला चढ़ा दी। मुझे नहीं पता कि किसी ने वहां पर कुछ किया है या बेचने की कोशिश कर रहे हैं।''
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: A Samajwadi Party worker ties himself up in chains and protests outside the residence of party chief Akhilesh Yadav.Akhilesh Yadav is scheduled to visit JPNIC in Gomti Nagar today, on the birth anniversary of Jayaprakash Narayan. Police… pic.twitter.com/CvoZ72gWFX
— ANI (@ANI) October 11, 2024
अखिलेश यादव के घर के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। अखिलेश यादव इस समय घर के अंदर हैं। समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने खुद को जंजीरों में बांधकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उनके आवास के बाहर पुलिस बैरिकेडिंग कर दी गई है, जबकि जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) को सील कर बैरिकेडिंग कर दी गई है। इसके विरोध में अब सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं।
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है। भाजपाई हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी रहे हैं। रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!"