कोरोना : लॉकडाउन में धार्मिक जमावड़ा, केंद्र ने बंगाल से मांगा जवाब

कोरोना : लॉकडाउन में धार्मिक जमावड़ा, केंद्र ने बंगाल से मांगा जवाब
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के उल्लंघन पर सख्त नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में दी जा रही छूट का दायरा धीेरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, जिससे इसका असर धीरे-धीरे घटता जा रहा है। गृह मंत्रालय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि राज्य की पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान धार्मिक जमावड़े की अनुमति दी और गैरजरूरी सामानों की दुकानों के खुलने पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगाया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से कहा कि लॉकडाउन के दौरान सब्जी, मछली और मटन बाजार में कोई नियम नहीं है और राज्य में इन स्थानों पर सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। केंद्र ने इस मसले पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से जवाब भी मांगा है।

दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी कि राज्य में शनिवार को कोरोना वायरस के 6 और मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में 11 अप्रैल तक कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 95 पहुंच गई है। आधिकारिक आंकडों के मुताबिक, राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 116 मामले आ चुके हैं, जिसमें से 16 ठीक हो चुके हैं और 5 की मौत हो चुकी है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच एक बड़ा फूल बाजार को खोलने की अनुमति देने के लिए शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और दावा किया कि इससे लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। भाजपा नेता ने कहा कि इस फूल बाजार के खुलने से गलत संकेत जाएगा कि राज्य कोरोना वायरस के खतरे से नहीं जूझ रहा है।

परीक्षण किट की आपूर्ति से लेकर राशन सामग्री में कथित लूट तक विभिन्न मुद्दों पर अपने ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री की आलोचना करते रहे सुप्रियो ने शनिवार को ट्वीट किया कि हावड़ा फूल बाजार को खोलकर 'मुख्यमंत्री जन सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं और यह दर्शाता है कि राज्य में स्थिति खतरनाक है।

पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना वायरस के सिर्फ 116 मामले सामने आए हैं। इस आंकड़े को लेकर पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स एसोसिएशन और भाजपा ने सवाल उठाए हैं। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कोरोना पीड़ितों की सही और प्रामाणिक संख्या सार्वजनिक की जाए ताकि विश्व के सामने राज्य की सही तस्वीर जाए। इसके अलावा डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से अच्छी किस्म के पीपीई किट मुहैया कराने और कोरोना रोकथाम में लगे लोगों को विशेष पैकेज दिए जाने की भी मांग की है।

डॉक्टर्स एसोसिएशन की इस मांग का भाजपा ने भी समर्थन किया है। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और कोरोना पीड़ित लोगों की सही तस्वीर जनता के सामने लाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने ममता सरकार पर डेटा छिपाने का आरोप लगाया है। राहुल सिन्हा के मुताबिक राज्य के मालदा और पश्चिम मेदिनापुर जिले में टेस्टिंग किट मौजूद होने के बावजूद लोगों की टेस्टिंग नहीं की जा रही है।

राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया, "बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के लोग भागकर पश्चिम बंगाल आए हैं। ममता सरकार को डर लगता है कि अगर उन्होंने टेस्ट कराया तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा।" सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की पुलिस पर भी आरोप लगाया कि मरकज में शामिल लोगों की लिस्ट होेने के बावजूद राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ करवाई नहीं कर रही है।

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