खतरा : कोरोना अप्रैल - मई में होगा पीक पर, 25 लाख लोगों को करेगा प्रभावित, टीकाकरण एकमात्र उपाय
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नईदिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों में 53 हजार से अधिक मरीज मिले है। जोकि 6 नवंबर 2020 के बाद से सर्वाधिक है। महाराष्ट्र, पंजाब और केरल लहर से प्रभावित होने वाले राज्य है। एसबीआई द्वारा जारी शोध रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में शुरू हुई कोरोना की दूसरी लहर का असर 100 दिनों तक रहेगा। मई में ये लहर पूरे चरम पर होगी। वर्तमान परिस्थिति को देखें तो इस लहर में करीब 25 लाख लोग संक्रमित हो सकते है।
एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है की यदि पिछली लहर का अध्ययन करे तो अप्रैल के मध्य से लेकर मई माह के अंत तक कोरोना का पीक रह सकता है। बीते वर्ष सितंबर में कोरोना का पीक था। उस समय 90 हजार से अधिक संक्रमित प्रतिदिन मिल रहे थे।रिपोर्ट में कहा गया है की अस्थाई तौर पर स्थानीय लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंध प्रभावित नहीं होंगे। इन प्रयासों से कोरोना को नियंत्रित करने में अधिक लाभ नहीं मिलेगा।
टीकाकरण एकमात्र उपाय -
रिपोर्ट में कहा गया की कोरोना महामारी को नियंत्रित करने का सोशल डिस्टेंसिंग और टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। इसलिए देश में बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जाना आवश्यक है। देश में 23 मार्च तक 5.31 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है। जिसमें राजस्थान, गुजरात, केरल, उत्तराखंड और हरियाणा आदि राज्यों में बुजुर्ग आबादी का 20% से अधिक लोगों को टीका लगा का चुका है। रिपोर्ट में कहा गया की यदि वर्तमान समय में प्रतिदिन टीकाकरण की स्पीड को 34 लाख से बढ़ाकर 40-45 लाख रोजाना किया जाए, तो 3 से 4 महीने में 45 साल और इसससे ऊपर के लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण किया जा सकता है।
अगले माह दिखेगा लॉकडाउन का असर -
रिपोर्ट में आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए कहा गया है की पिछले कुछ सप्ताह में कोरोना संक्रमण बढ़ने से सूचकांकों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। राज्यों द्वारा लगाए जा रहे लॉकडाउन या प्रतिबंधों का प्रभाव अगले महीने सूचकांकों पर और अधिक दिखाई दे सकता है।
मास्क लगाना आवश्यक -
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा, "जैसा कि हम शुरुआती दूसरी लहर को देख रहे हैं और वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई के एक वर्ष से अधिक समय पूरा कर रहे हैं, ध्यान केंद्रित परीक्षण, मास्क पहनने और टीकाकरण पर होना चाहिए।"