भारत आने वाले कच्चे माल पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध, कोरोना टीके का उत्पादन हुआ प्रभावित
नईदिल्ली। देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के लिए जारी टीकाकरण अभियान अमेरिका और यूरोपीय देशों की वजह से प्रभावित हो रहा है। इन देशों ने वैक्सीन के निर्माण के लिए उपयोगी कच्चे माल की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। जिससे भारत में वैक्सीन के उत्पादन पर गहरा संकट छा गया है। इसी बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूना वाला ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति से इस प्रतिबंध को हटाने की अपील की है। उन्होंने कहा की कोविड वैक्सीन के निर्माण में यदि आप संयुक्त रूप से हमारे साथ है तो इस प्रतिबंध को हटाना चाहिए।
Respected @POTUS, if we are to truly unite in beating this virus, on behalf of the vaccine industry outside the U.S., I humbly request you to lift the embargo of raw material exports out of the U.S. so that vaccine production can ramp up. Your administration has the details. 🙏🙏
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) April 16, 2021
उन्होंने ट्वीट करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा की मैं अमेरिका के बाहर की पूरी वैक्सीन इंडस्ट्री की ओर से विनम्रता पूर्वक निवेदन करता हूं कि अमेरिका से दूसरे देशों को एक्सपोर्ट होने वाले वैक्सीन के रॉ मटेरियल पर लागू एम्बार्गो को हटा लिया जाए जिससे की वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जा सके। इस बारे में आपके प्रशासन के पास विस्तृत जानकारी है।उन्होंने आगे कहा किया की इस संक्रमण के खिलाफ यदि हम वाकई संयुक्त लड़ाई लड़ना चाहते है तो अमेरिका को कच्चे माल से प्रतिबंध हटाना चाहिए।
दोबारा करना होगा ट्रायल -
बता दें की कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए एक खास एडजुवैंट की आवश्यकता होती है। जिसकी आपूर्ति अमेरिका और कुछ यूरोपियन देशों द्वारा की जाती है। ये एडजुवेंट एंटीबॉडी तैयार करने में सहायक होता है। यदि इस एडजुवेंट के स्थान पर दूसरा उपयोग किया गया तो दोबारा से वैक्सीन ट्रायल शुरू करना होगा और सके प्रयोग के लिए दोबारा अनुमति लेनी होगी। इससे भारत में लंबे समय के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम बंद हो सकता है।
क्या है मायने -
ख़ास बात ये है की अमेरिकी सरकार द्वारा ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है, जब भारत ने सभी विदेशी वैक्सीनों को जल्द से जल्द से उपयोग की अनुमति देने का निर्णय लिया है। ऐसे में सोचने वाली बात ये है की क्या ये प्रतिबंध भारत की आत्मनिर्भर और स्वदेशी वैक्सीनों की बिक्री को प्रभावित कर विदेशी वैक्सीनों पर निर्भरता बढ़ाने के लिए किया गया है। दूसरी ओर प्रतिबंध लगने के साथ ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों द्वारा वैक्सीन की कमी का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया। इसके क्या मायने है !