मप्र में बना भारत का सबसे बड़ा बम, पलभर में दुश्मन के बंकर और एयरपोर्ट को कर देगा तबाह

मप्र में बना भारत का सबसे बड़ा बम, पलभर में दुश्मन के बंकर और एयरपोर्ट को कर देगा तबाह
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वायुसेना को मिली पहली खेप

जबलपुर। भारतीय सेनाओं के लिए युद्ध सामग्री का निर्माण करने वाली मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के खमरिया में स्थित आयुध निर्माणी ने 500 किलोग्राम के जीपी बम (जनरल पर्पस बम) बनाए हैं। ये बम इतने विध्वंसक हैं कि आसमान से गिरने के बाद बड़े से बड़े बंकर, एयरपोर्ट को तबाह कर सकते हैं। आयुध निर्माणी ने इस बम की पहली खेप भारतीय वायुसेना को भेज दी है।


वायुसेना की टीम शुक्रवार को खमरिया आयुध निर्माणी पहुंची और 48 बमों को लेकर रवाना हो गई। आयुध निर्माणी के महाप्रबंधक एसके सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर पहली खेप को रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। बम के उत्पादन में सहयोगी सभी कर्मचारियों सहित संबंधित अधिकारियों के लिए यह गौरव का क्षण है। इस मौके पर डीजीएक्यूए के कमांडिंग ऑफिसर आरआर पंत, अपर महाप्रबंधक अशोक कुमार, शैलेश वगरवाल, विकास पुरवार, संयुक्त महाप्रबंधक वाईके सिंह, उप महाप्रबंधक दिनेश कुमार सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

जगुआर और सुखोई से गिराया जा सकेगा -


महाप्रबंधक सिन्हा ने शनिवार को यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस बम का पूरा डिजाइन और निर्माण जबलपुर की आयुध निर्माणी फैक्टरी के एफ-6 सेक्शन में किया गया है। यह भारत का सबसे बड़ा बम है। इसकी लंबाई 1.9 मीटर और वजन 500 किलोग्राम है। इस बम को जगुआर और सुखोई एसयू-30 एमकेआई से गिराया जा सकता है। एक बम पाकिस्तान के किसी भी एयरपोर्ट को पलभर में उड़ा सकता है। इन बमों की मारक क्षमता और ताकत देश की सुरक्षा बेड़े को और मजबूती प्रदान करेगी।

वायुसेना की बढ़ी ताकत -

उन्होंने बताया कि 500 किलोग्राम जीपी बम का उत्पादन महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे वायुसेना की ताकत और बढ़ेगी। यह एक सामान्य-उद्देश्य वाला बम है। इसे बमवर्षक विमान में अपलोड किया जाता है। इसका उद्देश्य विस्फोट करना, क्षति पहुंचाना और विस्फोटक प्रभाव में विखंडन के बीच समझौता करना है। ये दुश्मन सैनिकों, वाहनों और इमारतों, एयरपोर्ट, बंदरगाहों को पल भर में नष्ट कर सकता है।

भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

सिन्हा के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस बम को कई हिस्सों में विकसित किया है। हर बम में 15-15 मि.मी. के 10,300 स्टील के गोले लगे हैं। विस्फोट के बाद प्रत्येक शेल 50 मीटर तक लक्ष्यभेदन करेगा। खास बात यह है कि स्टील के गोले 12 मि.मी. की स्टील प्लेट में भी घुस सकते हैं। इससे भारत की सैन्य रणनीतिक ताकत में बेतहाशा वृद्धि होगी। जीपी बम सामरिक दृष्टि से भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह बम भारतीय सेना को न सिर्फ रण विजय कराएगा बल्कि यह भारतीय सेना को सुरक्षा और सामर्थ्य भी प्रदान करेगा।

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