Indore News: बल्लाकांड के आरोपी आकाश विजयवर्गीय हुए बरी, वीडियो होने के बाद भी नहीं पाए गए दोषी, जानिए क्या रही वजह?
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है। 5 साल पहले विधायक रहते आकाश विजयर्गीय और उनके 10 साथियों पर नगर निगम के अधिकारियों को बल्ले से पीटने का आरोप था। इस घटना का वीडियो भी उस समय सामने आया था जिसमें साफ देखा जा सकता था कि कैसे आकाश ने नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटा था।
अब एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश देव कुमार ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए आकाश विजयवर्गीय और उनके सभी साथियों को दोषमुक्त कर दिया है।
कोर्ट ने आकाश और उसके साथियों को साक्ष्यों के अभाव और फरियादी के बयान बदलने को आधार बरी किया है।
आकाश को बरी किए जाने की बड़ी वजह फरियादी अधिकारी ही रहा। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने नहीं देखा कि उन्हें किसने मारा था। आकाश के वकील ने वीडियो को एडिटेड बताया था और उसकी प्रमाणिकता साबित नहीं की जा सकी
क्या था बल्लाकांड?
BJP कैलाश विजयवर्गीय जी के सुपुत्र आकाश जी ने किसी को बल्ला नहीं मारा था,
— ASHUTOSH YADAV ♐ (@Ashutosh88Yadav) September 10, 2024
ये कोर्ट का आदेश है इसलिये सब बरी हो गए ...
वैसे जिन्हें बल्ला "नहीं" लगा था वो भी 2 साल पहले कह चुके हैं उन्हें बल्ला "नहीं" लगा था ...#MissionRojgarUP #UdaiBhan #iPhone16Series #RahulGandhiInUSA pic.twitter.com/v0EiZRYN4a
2019 में इंदौर में घटित "बल्लाकांड" एक विवादास्पद घटना थी जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे, आकाश विजयवर्गीय, जो उस समय विधायक थे, ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट (बल्ला) से पीटा था। यह घटना तब हुई जब नगर निगम की टीम इंदौर में एक जर्जर इमारत को गिराने के लिए वहां पहुंची थी।
आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक निगम अधिकारियों से इस मुद्दे पर भिड़ गए, और विवाद बढ़ने पर आकाश ने क्रिकेट बैट से एक अधिकारी पर हमला कर दिया। घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिससे यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया। इसके बाद आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार किया गया और उन पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ। कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।