BHOPAL NEWS: भोपाल में आवारा पशुओं के लिए बढ़ा खतरा, मानसून के कारण दुर्घटनाओं में वृद्धि, हर दिन इतने पशुओं की हो रही है मौत
BHOPAL NEWS: भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मानसून के दौरान लोग सड़कों पर दोपहिया वाहन चलाने से कतराने लगे हैं, क्योंकि आवारा पशुओं ने सड़कों के बीचों-बीच अपना ठिकाना बना लिया है। इसके कारण शहर में रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनकी संख्या बढ़कर 40 प्रतिदिन हो गई है।
भोपाल ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चला है कि पहले भी इस कारण दुर्घटनाएं होती थीं, लेकिन पिछले साल तक यह संख्या घटकर 15 प्रतिदिन रह गई थी। शहर के पुराने और नए दोनों ही इलाकों में इस समस्या का बोलबाला है। हालांकि, यह कहना गलत होगा कि भोपाल नगर निगम (बीएमसी) ने पिछले सप्ताह की तरह इस पर आंखें मूंद ली हैं।
बीएमसी की टीमें शहर के तीन अलग-अलग इलाकों में सड़कों के बीच में बैठे आवारा पशुओं को पकड़ने गई थीं, लेकिन वहां स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। खास बात यह है कि ये घटनाएं भानपुर, छोला और सिंधी कॉलोनी में हुईं। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने फ्री प्रेस को बताया कि आमतौर पर मानसून के दौरान मवेशी सड़क पर बैठते हैं, क्योंकि उन्हें भीगती सड़कों पर सुकून और आराम मिलता है।
सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएँ
भोपाल ट्रैफ़िक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आवारा मवेशियों के कारण जिन इलाकों में सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं, उनमें शैतान सिंह स्क्वायर रोड शामिल है, जो त्रिलंगा, मिसरोद, चूनाभट्टी, छोला और गोविंदपुरा को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि शहर के ग्रामीण इलाकों में भी इसका ख़तरा है क्योंकि आस-पास कई गाँव और तहसील हैं जहाँ खेती आम है। और किसान अक्सर बड़ी संख्या में मवेशियों को रखते हैं, जिन्हें सड़कों पर बेकाबू छोड़ दिया जाता है।
'मवेशियों को पकड़ने के अभियान में तेज़ी
अतिरिक्त नगर आयुक्त रणवीर सिंह ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने मवेशियों को पकड़ने के अभियान में तीन गुना तेज़ी लाई है। बीएमसी टीमों पर हाल ही में हुए हमलों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर भरोसा जताया और कहा कि आरोपियों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है।