Diwali 2024: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तवांग में सैनिकों के साथ मनाएंगे दिवाली, सेना ने किया सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Rajnath Singh Celebrate Diwali with soldiers : नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस साल 31 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सैनिकों के साथ दिवाली मनाएंगे। रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, दिवाली के अवसर पर रक्षा मंत्री के तवांग सेक्टर में सैनिकों के साथ रहने की संभावना है। तवांग भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) सहित वर्दीधारी पुरुषों का बेस है। बताया जा रहा है कि, इसको लेकर सेना ने सुरक्ष के पुख्ता इंतजाम भी कर लिए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 30 अक्टूबर को रक्षा मंत्री के तवांग में रहने के दौरान इस क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और वरिष्ठ मंत्री चोवा मीन की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना - उत्तराखंड युद्ध स्मारक कार रैली का उद्घाटन समारोह होगा।
बता दें कि तवांग सेक्टर ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चीनी पक्ष की ओर से पहली तोप से गोलाबारी देखी थी। इस सेक्टर ने आखिरी बार युद्धविराम भी लागू किया था। दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक घायल हो गए।
तवांग शहर में 50,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिसे चीन छोटा तिब्बत कहता है। यह उन विवादास्पद क्षेत्रों में से एक है, जिस पर चीन अपना दावा करता है। पूर्वी लद्दाख में कई गतिरोधों के कारण अप्रैल 2020 से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है, लेकिन वर्तमान में देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की अंतिम वापसी चल रही है। अन्य गतिरोध बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पहले ही पूरी हो चुकी है।
गौरतलब है कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर 2023 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा की। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनके साथ दशहरा मनाया। इस दौरान उन्होंने 9 दिसंबर 2022 को तवांग सेक्टर में हुई टकराव की याद भी दिलाई, जब भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से पीएलए सैनिकों का सामना किया था, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को चोटें आई थीं।
इससे पहले मार्च में राजनाथ सिंह ने लेह में भारतीय सेना के जवानों के साथ होली मनाई और दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए उनके साहस और समर्पण की सराहना की। यह सभी कार्यक्रम भारतीय सेना के प्रति सरकार के समर्थन और उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए आयोजित किए गए थे।