रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को से तेहरान रवाना
नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मास्को में तजाकिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान देशों के भौगोलिक महत्व को देखते हुए तीनों देशों के रक्षामंत्रियों से मुलाक़ात करके रक्षा सहयोग और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद राजनाथ सिंह भारत वापस ना आते हुए मास्को से सीधे तेहरान के लिए रवाना हो गए। वह तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से मुलाक़ात करेंगे। पूर्वोत्तर में चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की वजह से भारत के रक्षामंत्री की ईरान यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रक्षामंत्रियों से की मुलाकात-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मास्को से रवाना होने से पहले तजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेरली मिर्ज़ो, कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल नुरलान यर्मेकबायेव और उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री मेजर जनरल कुर्बानोव बखोदिर निज़ामोविच से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान से द्विपक्षीय संबंध और रक्षा सहयोग भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है। रक्षामंत्री ने ट्विट करके बताया कि कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में हमने दोनों देशों के रक्षा सहयोग में और गति लाने के तरीकों पर चर्चा की। इसी तरह तजाकिस्तान के रक्षा मंत्री से मुलाक़ात के दौरान अत्यंत फलदायी बैठक हुई। हमारी बातचीत में भारत और तजाकिस्तान के रक्षा संबंधों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल था।
I had a wonderful meeting with Uzbekistan's Minister of Defence, Major General Kurbanov Bakhodir Nizamovich in Moscow today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 5, 2020
Defence Cooperation remains an important pillar of India- Uzbekistan bilateral relations. pic.twitter.com/efUCKiHbDL
ईरान यात्रा होगी गेमचेंजर -
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने रूस की राजधानी मॉस्को गए राजनाथ सिंह को आज ही भारत के लिए रवाना होना था। फिर भी उन्होंने तीनों देशों के समकक्षों से मिलने के लिए अपनी यात्रा को आगे बढ़ा दिया। इन सभी देशों के भौगोलिक महत्व को देखते हुए राजनाथ सिंह से इन रक्षामंत्रियों से वार्ता करना बहुत महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह इसके बाद भारत वापस लौटने की बजाय मास्को से सीधे तेहरान जाकर ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से मिलेंगे। फारस की खाड़ी में ईरान, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जुड़ी कई घटनाओं के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, इसलिए भारत के रक्षामंत्री की ईरान यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत और ईरान के बीच रिश्तों में कोई असर नहीं आया है। मोदी सरकार 2014 से लगातार ईरान को अहम सहयोगी मानकर काम कर रही है। लद्दाख सीमा पर चीन से तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तानी फौज को साजो-सामान मुहैया कराया है, इसलिए पूर्वोत्तर में चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की वजह से ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से बातचीत गेमचेंजर साबित हो सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ईरान यात्रा भारत के लिए अपने विस्तारित पड़ोस के हिस्से के रूप में और साथ ही कनेक्टिविटी परियोजनाओं को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।