दिल्ली बजट 2025-26: पानी पर बजट का लगभग 10 प्रतिशत खर्च करेगी दिल्ली सरकार

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अपने पहले बजट में सबसे ज्य़ादा जोर पानी पर दिया है, वो फिर चाहे पीने का पानी हो या फिर पानी को साफ करने पर हो। एक लाख करोड़ रुपये वाले बजट में दिल्ली की भाजपा सरकार ने पानी पर बजट का लगभग 10 प्रतिशत से ज्यादा व्यय करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट में घोषणा की है कि वो दिल्ली वासियों को पीने का साफ पानी देने और स्वच्छता के लिए 9000 करोड़ रुपये अगले एक साल में खर्च करेंगी। दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या राजधानी की एक बड़ी आबादी को पीने के पानी की कमी के साथ साथ सीवेज व्यवस्था नहीं होना है।
इसकी वजह से गर्मियों में जहां पीने के पानी की कमी होती है तो बारिशों में सीवर और बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। दिल्ली में 1800 से ज्यादा ऐसी कालोनियां हैं, जोकि अवैध तरीके से बसी और इनके लिए पानी की कोई व्यवस्था सरकार ने अपनी योजनाओं में नहीं की थी, लेकिन इन कच्ची कालोनियों में दिल्ली की एक बड़ी आबादी धीरे धीरे करके बस गई तो बाद में इन कॉलोनियों में पानी पहुंचाया गया और सीवर लाइनें बिछाई गई, लेकिन अभी भी इन कॉलोनियों में पानी की भारी कमी है।
लिहाजा इन स्थानों पर पीने के पानी की आपूर्ति के लिए पानी के नए प्लांट लगाने जरुरी है। जिसमें दिल्ली सरकार एक बड़ा खर्चा करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हर घर नल योजना शुरू की हुई है। दिल्ली सरकार भी इस योजना को ही यहां भी आगे बढ़ाना चाहती है। इसके साथ साथ यमुना नदी को साफ करने के लिए भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जिसमें नजफगढ़ नाले में सिल्ट साफ करना और उसके सीवेज प्लांट को चालू करना भी शामिल है। इससे काफी हद तक यमुना नदी के पानी को गंदा होने से बचाया जा सकेगा।
घर घर पानी पहुंचाने के साथ साथ दिल्ली सरकार ने 150 करोड़ रुपये पुरानी और जर्जर हालत में पहुंच चुकी पाइप लाइन को बदलने के लिए भी रखे हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कभी भी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया था।