Swati Maliwal Case में सीएम केजरीवाल के माता - पिता से आज पूछताछ नहीं करेगी दिल्ली पुलिस
Swati Maliwal Case में सीएम केजरीवाल के माता - पिता से पूछताछ
हाइलाइट्स :
- तीस हजारे कोर्ट में पेश किए जाएंगे विभव कुमार।
- स्वाति मालीवाल ने लगाए थे मारपीट के गंभीर आरोप।
Swati Maliwal Case : दिल्ली। राजयसभा सांसद स्वाति मालीवाल केस में पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है। दिल्ली पुलिस के केजरीवाल के आवास क्ले बाहर पहुंचने पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी आवास के बाहर इकट्ठा होने लगे हैं। स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी विभव पर मारपीट के आरोप लगाए थे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पिछले दिनों एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, दिल्ली पुलिस कल मेरे बूढ़े और बीमार मां - बाप से पूछताछ करने आएगी। हुआ भी ऐसे ही। अरविंद केजरीवाल के आवास पर दिल्ली पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। इस मामले में घर में मौजूद सभी लोगों के बयान लिए जाने हैं। मुख्यमंत्री आवास में स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हुई थी। इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में भी की गई है। एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
सांसद स्वाति मालीवाल ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा दिया है। इस उन्होंने कहा था कि, 13 मई को वे मुख्यमंत्री आवास गई थीं। तब अरविंद केजरीवाल, उनकी पत्नी और माता - पिता ब्रेकफास्ट कर रहे थे। स्वाति ने सभी को गुड मॉर्निंग कहा और इसके बाद वे डायनिंग हॉल में आ गई। यहां उनकी विभव से बहस हुई। इसके बाद उनसे मारपीट भी की गई। विभव कुमार इस समय पुलिस की हिरासत में हैं। आज विभव की पुलिस रिमांड ख़त्म हो रही है। उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
स्वाति मालीवाल ने पिछले दिनों एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'मेरे कंप्लेंट फाइल करते ही नेताओं और वालंटियर की पूरी आर्मी मेरे पीछे लगाई गई, मुझे BJP का एजेंट बुलाया गया, मेरा चरित्र हरण कराया गया, काट पीट के वीडियो लीक की गई, मेरी victim shaming करी गई, आरोपी के साथ घूमे, उसको क्राइम सीन पे दोबारा आने दिया और सबूत से छेद छाड़ करी गई, आरोपी के लिये ख़ुद सड़क पे उतर गये, और अब मुख्यमंत्री साहब जिनके ड्राइंग रूम में मुझे पीटा गया, वो कह रहे हैं कि उन्हें इस मामले में निष्पक्ष जाँच चाहिए। इससे बड़ी विडंबना क्या ही होगी। मैं इसे नहीं मानती। कथनी और करनी एक समान होनी चाहिये।'