नूंह हिंसा में दर्ज FIR में खुलासा : 500 इस्लामिक कट्टरपंथियों ने घेर रखा था मंदिर, लाठी-डंडे और गोलियों से हिंदूओं को बना रहे थे निशाना
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चंडीगढ़। हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को शिवमंदिर से जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंदुओं पर हुए हमले के मामले में अब तक 45 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस साजिशकर्ताओं की पहचान कर लगातार गिरफ्तारियां कर रही है। अब तक 137 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें से 116 लोगों को रिमांड पर लेकर साजिश के संबंध में पूछताछ की जा रही है। इस मामले में एक एफआईआर ड्यूटी मजिस्ट्रेट अदीब हुसैन की शिकायत पर भी दर्ज की गई है। जिसके अनुसार राम मंदिर को 400 से 500 इस्लामिक कट्टरपंथियों ने घेर लिया था, जिनबका मकसद अधिक से अधिक संख्या में हिंदूओं की हत्या करने की थी।
एफआईआर के अनुसार, अदीब हुसैन टौरू पीएचईएस में सब डिवीजनल इंजीनियर हैं। बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के लिए नूंह थाने में बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट उनकी पोस्टिंग की गई थी। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 186, 332, 307, 342 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
दंगाइयों ने मंदिर पर किया हमला -
अदीब हुसैन ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपने साथी मैनेजिंग अफसर ओमबीर सिंह के साथ ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान 400 से 500 इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर पर हम कर दिया। वह श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों को अवैध हथियारों से निशाना बना रहे थे। भीड़ का इरादा अधिक से अधिक हिंदूओं की हत्या करने का था। दंगाईयों ने सरकारी और निजी वाहनों को निशाना बनाकर आग लगा दी। हमले के समय आबिद हुसैन अपने साथी ओमबीर सिंह के साथ नूंह बस स्टेण्ड पर तैनात थे।उन्हें खबर मिली कि सैकड़ों दंगाइयों ने 35-40 श्रद्धालुओं पर हमला कर उन्हें वार्ड नंबर 9 में स्थित राम मंदिर में बंधक बना लिया है।
श्रद्धालुओं को घेरकर बरसाई गोलियां -
अदीब हुसैन ने अपनी शिकायत में बताया कि जब वह मंदिर पर पहुंचे तो देखा कि बड़ी संख्या में उपस्थित दंगाइयों ने मंदिर को घेर रखा है। वे श्रद्धालुओं को बाहर नही जाने दे रहे है। उनके मौके पर पहुंचते ही ठी, डंडे, पत्थर और अवैध हथियारों से लैस दंगाइयों ने उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस दौरान अदीब हुसैन ने ओमबीर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों को दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए उचित बल का उपयोग करने का निर्देश दिया। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। दंगाई भाग गए। इसके बाद उन्होंने बंधक बने श्रद्धालुओं को मुक्त कराया।