मैं कभी किसी को नहीं डांटता बस मेरी आवाज जरा ऊंची है : अमित शाह
नईदिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक- 2022 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार की मंशा इस कानून व्यवस्था को और मजबूत करना है।
लोकसभा में इस विधेयक को पारित करने के लिए प्रस्तुत करते हुए शाह ने कहा कि यह विधेयक बंदी शिनाख्त अधिनियम 1920 के स्थान पर लाया गया है। सरकार की मंशा इसके पीछे कानून को मजबूत करना है, बंदियों को सजा के बाद सुधारने का प्रयास करना है और कानून एवं व्यवस्था को मजबूत करना है।गृह मंत्री ने कहा कि विधेयक से कानून व्यवस्था और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि विधेयक को लाने का यह बिल्कुल सही अवसर है अन्यथा जरूरी बदलाव में देरी हो जाएगी।
मैं डांटता नहीं बस आवाज ऊँची है -
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं कभी किसी को नहीं डांटता हूं, मेरी आवाज जरा ऊंची है. मेरी मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है. न मैं गुस्सा होता हूं कभी, बस कश्मीर का सवाल आता है, तब गुस्सा आ जाता है। उन्होंने यह बात तब कही जब टीएमसी की तरफ से टिप्पणी की गई कि जब वो दादा बोलते हैं तो लगता है कि डांट कर बोल रहे हैं।
कानून से होगा लाभ -
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने विधेयक को स्थाई समिति को भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को 75 वर्षों के लिए सैंपल डाटा इकट्ठा करने का अधिकार मिलेगा। डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम के बिना अपराध के मामले में निर्दोष साबित होने पर अपना डाटा हटा नहीं पाएगा । इस कानून के नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता पर भी प्रभाव होगा।
राज्यसभा स्थगित -
राज्यसभा की कार्यवाही 05 अप्रेल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। राज्यसभा में श्रम और रोजगार मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की जा रही थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से कार्यवाही नहीं हो सकी। राज्यसभा में हंगामें के कारण कार्रवाई ठप्प रही