UP News: वादों के निपटारे में DM गोण्डा न्यायालय सूबे में नम्बर वन, जानिए अन्य जनपद का हाल

वादों के निपटारे में DM गोण्डा न्यायालय सूबे में नम्बर वन, जानिए अन्य जनपद का हाल
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DM गोण्डा न्यायालय

स्वदेश डेस्क, गोण्डा। राजस्व वादों के निस्तारण में जिले को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। डीएम गोण्डा के न्यायालय को सूबे में राजस्व वादों के निस्तारण में शीर्ष स्थान मिला है। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर की गई अगस्त 2024 माह की समीक्षा में गोण्डा की यह तस्वीर उभर कर सामने आई है। तैयार की गई अगस्त 2024 की मासिक रिपोर्ट में उत्तरप्रदेश के सभी 75 जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट के स्तर पर वादों के निस्तारण की स्थिति का एनालिसिस किया गया।

जिलाधिकारी न्यायालयों के लिए प्रत्येक माह न्यूनतम 30 वादों के निस्तारण का मानक निर्धारित किया है। इस मानक के अंतर्गत डीएम गोण्डा न्यायालय ने अगस्त 2024 में 76 वादों का निस्तारण किया, जो तय मानक से 253.33 प्रतिशत अधिक है। डीएम के प्रयासों से डीएम न्यायालय का यह प्रदर्शन अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना है।

एक साल तीन माह के कार्यकाल में लंबित वादों के लिए अभियान :

डीएम नेहा शर्मा ने जून 2023 में जनपद की कमान संभाली थी। अपनी टीम के साथ मिलकर न्यायालय में लंबित वादों के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाया गया।जिसके अंतर्गत वादों की समयबद्ध सुनवाई और त्वरित निस्तारण को प्राथमिकता दी गई। इस पहल के चलते न्यायालय में लंबित वादों के निस्तारण में न सिर्फ तेजी आई बल्कि राजस्व मामलों के लंबित रहने की समस्या में भी कमी आई है। जनपदवासियों के लिए यह उपलब्धि बहुत महत्वपूर्ण है, जिले में वादों का निस्तारण जल्दी होने से नागरिकों को राहत मिली है।

टीम वर्क से लक्ष्य को प्राप्त किया :

नेहा शर्मा, डीएम गोण्डा ने कहा कि, "सीएम के निर्देशों के अनुसार वादों का निस्तारण त्वरित और न्यायपूर्ण तरीके से किया जाना प्रायोरिटी है। जनपद के सभी राजस्व कोर्ट में इसी लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों के अच्छे परिणाम भी नजर आ रहे हैं। शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए टीम वर्क से लक्ष्य को प्राप्त किया।

जनपद

निस्तारित वाद

मानक के सापेक्ष प्रतिशत

गोंडा

76

253.33%

आजमगढ़

75

250%

गाजीपुर

55

183.33%

भदोही

54

180%

बिजनौर

49

163.33%

एटा

47

156.67%

हरदोई

45

150%

वाराणसी

44

146.67%

सिद्धार्थनगर

41

136.67%

सुल्तानपुर

41

136.67%

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