कोरोना टेस्ट से न डरें, देरी हुई तो मुश्किल होगी : स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि टेस्टिंग बढ़ने से केस तो बढ़ रहे हैं लेकिन रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है और केस फैटलिटी रेट लगातार गिर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि हमारा रिकवरी रेट अच्छा है और मोर्टेलिटी रेट भी दुनिया में सबसे अच्छे में से एक है। वहीं, आईसीएमआर ने लोगों से टेस्टिंग से न डरने की अपील करते हुए कहा कि देर होगी तो किसी भी उम्र के शख्स को दिक्कत हो सकती है।
बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में केस फैटलिटी रेट 2.15 था जो अब 1.7 प्रतिशत पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अब हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं जहां केस फैटलिटी रेट को 1 प्रतिशत से नीचे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 5 राज्यों में ही संक्रमण के 62 प्रतिशत और कुल मौतों के 70 प्रतिशत केस हैं। कुल केस में अकेले महाराष्ट्र में 26.85 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश में 11.08 प्रतिशत है।
दरअसल, देश में 8 लाख 83 हजार ऐक्टिव केस हैं और 33 लाख 23 हजार लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 53 मौतें दर्ज की गई हैं, जो ज्यादा प्रभावित देशों में सबसे कम है। जिन देशों से भारत की तुलना की जा रही है वहां प्रति 10 लाख आबादी पर 500 से 600 मौतें हो रही हैं।
कोरोना के बढ़ते केस के बीच लोगों में बढ़ रहे एक खतरनाक ट्रेंड्स को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कई लोग कोरोना जैसे लक्षण के बावजूद टेस्ट से बच रहे हैं। यह ठीक नहीं है। यह आपके लिए और सिस्टम के लिए भी खतरनाक है। आप अपने परिवार और समाज को मुश्किल में डाल रहे हैं। आप खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। स्थिति बिगड़ने पर ही टेस्ट कराएंगे तो खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। लोगों को वायरस से डरना चाहिए लेकिन टेस्टिंग से डरना नहीं चाहिए। अब तो ऑन डिमांड टेस्ट हो रहा है। डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की भी जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि संक्रमण बड़े शहरों से छोटे शहरों और अब वहां से शहरों के आस-पास वाले गांवों में बढ़ रहा है। इसलिए हमें और भी चौकन्ना होने की जरूरत है। जिनमें भी लक्षण है, वे तुरंत चेक करवाएं। देर होगी तो किसी भी उम्र के लोगों को दिक्कत होगी।