लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी, सभी भारतीयों का 'डीएनए' एक : भागवत जी
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नईदिल्ली/वेब डेस्क। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने रविवार को कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वह किसी भी धर्म के हों। हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वह अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता। भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने आगे कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और अपने पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए। हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है। गाज़ियाबाद में "दि मीटिंग्स ऑफ माइंड्स" बुक लॉन्च पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते। राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं। अब एक ताकत बनी है तो वो ठीक हो जाए, इतनी ताकत हम चुनाव में भी लगाते हैं। हम राष्ट्रहित के पक्षधर हैं।
बता दें कि, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. इफ्तिखार हसन की किताब 'वैचारिक समन्वय-एक व्यवहारिक पहल' का विमोचन करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रमुख डॉ. मोहन जी भागवत गाजियाबाद आए हैं। कार्यक्रम इंदिरापुरम के एक संस्थान में हो रहा है। पुस्तक विमोचन करने से पहले डॉ. मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। वह सोमवार को भी गाजियाबाद में ही रहेंगे।