मेरे पिता भी थे उस फ्लाइट में जो हुई थी हाईजैक,आईसी 814 द कंधार हाईजैक पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर

मेरे पिता भी थे उस फ्लाइट में जो हुई थी हाईजैक,आईसी 814 द कंधार हाईजैक पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर
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Foreign Minister Dr. S Jaishankar Statement on China 

IC 814: The Kandahar Hijack : जिनेवा। हाईजैक हुए विमान में मेरे पिता भी थे, और उस समय मैं उस टीम में शामिल था जो हाईजैकर से डील कर रही थी। यह बात मुझे विमान हाईजैक होने के ते तीन से चार घंटे बाद पता चली। यह बात भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने शुक्रवार को जिनेवा में कही है।

व्यक्तिगत अनुभव की कहानी

जेनेवा में एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. जयशंकर ने कहा, मैंने फिल्म नहीं देखी है, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन एक दिलचस्प बात जो आप शायद याद रखेंगे, 1984 में एक अपहरण हुआ था... मैं उस समय एक युवा अधिकारी था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो इस संकट से निपट रही थी। अपहरण के 3-4 घंटे बाद मैंने अपनी मां को फोन किया और बताया कि मैं नहीं आ सकता, अपहरण हो गया है। मुझे बाद में पता चला कि मेरे पिता विमान में थे।

डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह स्थिति उनके लिए बेहद जटिल थी, क्योंकि वे एक ओर जहां संकट को सुलझाने वाली टीम में थे, वहीं दूसरी ओर वे उस परिवार के सदस्य थे जो सरकार पर दबाव बना रहे थे। वैदेश मंत्री ने आगे कहा कि यह दिलचस्प था क्योंकि एक ओर मैं उस टीम का हिस्सा था जो अपहरण पर काम कर रही थी और दूसरी ओर मैं उस परिवार के सदस्यों में था जो सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

अदालत में पहुंचा सीरीज का विवाद

'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज 1999 में अपहृत आईसी 814 भारतीय एयरलाइंस फ्लाइट की सच्ची कहानी पर आधारित है। यह छह-एपिसोड की सीरीज 24 दिसंबर 1999 के घटनाक्रम पर आधारित है, जब एक भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814, जो काठमांडू से दिल्ली जा रही थी, को अपहृत कर लिया गया था।

विवादित सीरीज पर अदालत का आदेश

दिल्ली उच्च न्यायालय में 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की याचिका 6 सितंबर को वापस ले ली गई। याचिकाकर्ता ने कहा कि नेटफ्लिक्स ने एक डिस्क्लेमर जोड़ा है जो अपहरण में शामिल आतंकवादियों के असली नामों को स्पष्ट करता है और याचिका में उठाए गए मुद्दों को हल करता है।

हिंदू नामों का मामला

याचिकाकर्ता हिंदू सेना के प्रमुख सुरजीत सिंह यादव ने सीरीज पर बैन लगाने की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि सीरीज ने अपहरण में शामिल आतंकवादियों के असली नामों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। वकील शशि रंजन ने कोर्ट में कहा कि सीरीज में हिंदू नाम जैसे "भोला" और "शंकर" को असली आतंकवादियों इब्राहीम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहीर मिस्री और शकीर से जोड़कर दिखाया गया है।

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