हरदोई में हौलनाक हादसा: अल्ट्रासाउंड करा बाइक से लौटती गर्भवती का 'आतंकी' डम्फर ने किया 'सिर तन से जुदा'

अल्ट्रासाउंड करा बाइक से लौटती गर्भवती का आतंकी डम्फर ने किया सिर तन से जुदा

हरदोई, स्वदेश डेस्क। एक लोमहर्षक घटना में गर्भवती का 'सिर' बेकाबू डंफर 'धड़' से उतार ले गया। बुरी तरह खून से लथपथ पति को नजदीकी मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां वह जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा बताया जाता है फिलहाल। ये हौलनाक हादसा हरदोई-कानपुर रोड पर हैबतपुर गांव के समीप पेश आया, जब पति, गर्भवती पत्नी का अल्ट्रासाउंड करवा कर वापस आ रहा था कि काल बनकर डंफर आ गया और पत्नी के साथ अजन्मे गर्भ को अकल्पनीय गति को पहुंचा दिया। अभी गांधी जयंती पर ही हरदोई के जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट से सड़क सुरक्षा पखवाड़ा जागरूकता अभियान को हरी झंडी दिखाई थी।

दिल दहला देने और कलेजा मुंह को ला देने वाली दुर्घटना बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के हैबतपुर गांव के पास शुक्रवार रात डम्फर ने हरदोई से जा रहे बाईक सवार दम्पति अरविंद और अनीता को पीछे से टक्कर मार दी। कतलपुरवा थाना सांडी के अरविंद पुत्र महिपाल की पत्नी अनीता का सर डंफर धड़ से उड़ा ले गया। अनीता के पांव भारी थे और अरविंद उसका अल्ट्रासाउंड कराने हरदोई आया था। अब अल्ट्रासाउंड की जो भी रिपोर्ट आए, पर खराब सड़कों पर दैत्याकार डम्फरों और बेहिसाब ओवरलोड ट्रकों की मनमानी चलती रही तो आगे तमाम और 'सुखी संसार' कुचले जाने अवश्यंभावी है।

हादसे की सूचना के बाद पुलिस पहुंची। अरविंद को बिलग्राम सीएचसी से मेडिकल कालेज भेजा गया। अनीता की डेड बॉडी का पंचनामा भर पोस्टमार्टम को भेजा गया है। मौके पर रहे लोग बताते हैं सड़क खराब होने से भी बाइक सवार को बचने का मौका नहीं मिला। अभी गांधी जयंती पर ही सड़क सुरक्षा पखवाड़ा जागरूकता अभियान को कलेक्ट्रेट से जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह ने हरी झंडी दिखाई थी, तीसरे रोज ही एक जन्मी और एक अजन्मी, दो जानों पर खराब सड़क और बेकाबू डंफर ने 'फुल स्टॉप' लगा दिया। सड़क सुरक्षा पखवाड़ा 16 अक्तूबर तक चलना है।

पखवाड़ा के तहत जागरूकता कार्यक्रम के साथ यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात है। जिला सड़क सुरक्षा समिति के जरिए नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर मॉडल सेफ रोड चिन्हित किया जाना है। बस‌, ऑटो चालकों की जागरूकता की दिशा में उनके हेल्थ चेकअप, आंखों की जांच के लिए कैम्प लगाए जाने हैं। लेकिन, शुरुआती तीन दिन में इनमे से एक कवायद का ब्यौरा नहीं मिला है। सुरक्षा पखवाड़े में ई-रिक्शा चालकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल है। परिवहन व यातायात पुलिस पब्लिक एड्रेस सिस्टम से सड़क सुरक्षा का प्रचार प्रसार भी करेगी, ऐसा भी निर्देश है। शनिवार को पेश आए हादसे के बाद जिम्मेदार क्या कुछ ब्यौरा मुहैया कराते हैं, देखने की बात होगी। फिलहाल याद कर हैं 12 जून, जब हरदोई कानपुर मार्ग पर ही मल्लावां क्रॉसिंग के पास बालू भरा ट्रक एक झोपड़ी पर पलट गया था। हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में दंपति, चार बेटियां, दामाद और नातिन शामिल थे।

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टड़ियावां थाना क्षेत्र के भौंता कमालपुर के सोमनाथ तीन वर्षीय बेटे का मुंडन संस्कार कराने दानेबाबा साखिन जा रहे थे। सवारी थी ट्रैक्टर ट्रॉली और भूरा घर परिवार और नाते रिश्तेदार महिला, पुरुष और बच्चे बैठे हुए थे। गांव के बड़क्के का ट्रैक्टर नीरज चला रहा था। साखिन गोपालपुर रोड पर पहाड़पुर के पास ट्रैक्टर बेकाबू हुआ और बिजली पोल को टक्कर मार दी। नीरज बुरी तरह चुटहिल हुआ और ट्रैक्टर ने आग पकड़ ली। घटना में सवार गांव की सताना पत्नी लाखन, देवीप्रसाद पुत्र किंदरलाल बुरी तरह चुटहिल हुए। अन्य को भी मामूली चोटें आईं। अहिरोरी सीएचसी पर प्राथमिक उपचार के बाद दो को मेडिकल कॉलेज भेजा गया। ट्रॉली में 35 से अधिक लोग सवार थे।

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