भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग समझौता हुआ, पीएम ने कहा- ये रिश्ता मित्रता का स्तंभ
नईदिल्ली। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।प्रधामंत्री मोदी ने कहा की इतने कम समय में इतने महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनना दिखाता है कि दोनों देशों के बीच कितना आपसी विश्वास है।ये हमारे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण है।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत-ऑस्ट्रेलिया के ये रिश्ते मित्रता का स्तंभ है। ये एग्रीमेंट हमारे बीच स्टूडेंट, प्रोफेसनल्स और पर्यटकों का आदान-प्रदान आसान बनाएगा।जिससे ये संबंध और मजबूत होंगे।हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करने की बहुत क्षमता है, इस समझौते से हम इन अवसरों का पूरा लाभ उठा पाएंगे। इस समझौते के आधार पर हम साथ मिलकर सप्लाई चेन का लचीलापन बढ़ाने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता में भी योगदान कर पाएंगे।
विस्तृत सहयोग को बढ़ावा -
वहीँ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन ने कहा कि, हमने अपनी व्यापक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। मेरी सरकार ने करीब 282 मिलियन डॉलर की नई पहल की घोषणा की है। यह हमारे बीच विस्तृत सहयोग को बढ़ावा देगा।
भारत-ऑस्ट्रेलिया नेचुरल पार्टनर -
केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि,भारत-ऑस्ट्रेलिया नेचुरल पार्टनर हैं, जो लोकतंत्र, कानून के शासन और पारदर्शिता के साझा मूल्यों से जुड़े हैं। 2 भाइयों की तरह 2 राष्ट्रों ने महामारी में एक-दूसरे का सहयोग किया।
ये हुए समझौते -
समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण और खेल उत्पादों समेत 95 फीसदी से ज्यादा भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा। ऑस्ट्रेलिया इस समझौते के तहत पहले दिन से निर्यात के लगभग 96.4 फीसदी मूल्य पर भारत को शून्य शुल्क की पेशकश कर रहा है। इसमें ऐसे कई उत्पाद शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच फीसदी का सीमा शुल्क लगता है।