कोरोना का असर : अर्थव्यवस्था को झटका, विकास दर 3.1 फीसदी पहुंची
दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। जीडीपी वृद्धि दर मार्च तिमाही में 3.1 फीसदी तक गिर गई। सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 20 में जीडीपी वृद्धि दर महज 4.2 पर्सेंट रही, जबकि पिछले साल यह दर 6.1 पर्सेंट रही थी। मौजूदा सीरीज में यह पिछले 8 साल में सबसे खराब प्रदर्शन है।
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के डेटा में सुधार करते हुए कहा है कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 5.2 पर्सेंट, दूसरी तिमाही में 4.4 पर्सेंट और तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी से बढ़ी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में और बड़ी गिरावट तय है। मार्च तिमाही का जो डेटा आया है उसमें लॉकडाउन का एक ही सप्ताह शामिल है।
कोरोना वायरस महामारी और 'लॉकडाउन के कारण आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अप्रैल महीने में एक साल पहले की तुलना में 38.1 प्रतिशत घट गया। यह गिरावट का एक नया रिकार्ड है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) की जो रिपोर्ट जारी की गई है, उससे केवल यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अर्थव्यवस्था पर शुरुआती असर क्या हुए हैं। असल में यह कितना खतरनाक और गंभीर है, इसका पता तो वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।
पूरे देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। भारत में कोरोना पहला मामला 30 जनवरी को आया था। ऐसे में 2019-20 की आखिरी तिमाही में लॉकडाउन केवल एक सप्ताह के लिए था। दूसरी तिमाही के दो महीने तो कंप्लीट लॉकडाउन में निकल गए हैं। असली समस्या की शुरुआत तो अब हुई है।